गुरुधाम कालोनी में संदिग्ध परिस्थिति में मिला युवक का शव, परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप
भेलूपुर थाना क्षेत्र के नबावगंज खोजवां निवासी 39 वर्षीय विनोद कुमार गुप्ता का शव गुरुवार की सुबह घर से पांच सौ मीटर दूर गुरुधाम में मिला।
वाराणसी, जेएनएन। गुरुधाम कालोनी में गुरुवार सुबह एक निजी अस्पताल के समीप भेलूपुर थाना क्षेत्र के नवाबगंज खोजवां निवासी विनोद कुमार गुप्ता 39 वर्ष का शव मिलने से सनसनी मच गई। परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया है। विनोद की बाइक भी घटनास्थल से लगभग पांच सौ मीटर दूर नवाबगंज चौराहे पर मिली। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। पीएम रिपोर्ट से मौत की वजह स्पष्ट होगी।
गुरुधाम कालोनी निवासी दिनेश गिडोडिया सुबह जब उठे तो घर के पिछले हिस्से के आंगन में एक युवक का शव देखकर सन्न रह गए। फौरन इसकी सूचना पुलिस को दी। भेलूपुर इंस्पेक्टर राजीव रंजन उपाध्याय मौके पर पहुंचे। स्थानीय लोगों से शिनाख्त कराई। आसपास के लोगों की मदद से पहचान पुष्ट होने के बाद पुलिस ने विनोद के परिजनों को सूचना दी। पुलिस ने दिनेश के घर व आसपास लगे सीसी कैमरों को खंगाल रही है ताकि विनोद की मौत का राजफाश हो सके। पुलिस उसके दो मित्रों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
आठ बजे के बाद नहीं उठा फोन
नबाबगंज निवासी काशीनाथ गुप्ता के तीन बेटों में सबसे छोटा विनोद डिश केबल के काम से जुड़ा था। उसके दो बेटे और दो बेटियां हैं। विनोद की पत्नी रेशमा से पुलिस ने पूछताछ की तो कई जानकारी हाथ लगी। रेशमा ने बताया कि विनोद बुधवार को दिन में लगभग 11 बजे घर से निकले थे। रात आठ बजे तक नहीं लौटने पर फोन मिलाया। बातचीत में विनोद ने एक घंटे बाद आने की बात कही। विनोद जब बात कर रहा था तो उसके पीछे गाना बजने की आवाज सुनाई दे रही थी। नौ बजे जब घर नहीं आए तो दोबारा फोन मिलाया लेकिन फोन नहीं उठा। कुछ देर बाद जब फिर मिलाया तो स्विच ऑफ बताने लगा।
जूते में लगी थी घास, आसपास की छत से गिरने, फेंके जाने का शक
पुलिस विनोद की मौत के हर पहलू को खंगाल रही है। विनोद की बाइक घटनास्थल से आधा किलोमीटर दूर खड़ी मिली। अपनी बाइक वहां छोड़कर विनोद किसके साथ निकला, कालोनी में कैसे पहुंचा, सवालों के जवाब खोज रही। विनोद के पैर की हड्डिया टूट गई थी। उसके जूते में घास लगी थी जो आसपास के मकान किसी सर्वेंट क्वाटर की छत की बताई जा रही है। फोरेंसिक एक्सपर्ट और पीएम रिपोर्ट से स्पष्ट होगा कि विनोद के पैर की हड्डियां जिस तरह टूटी है वह फेंका गया था या गिरने से ऐसा हुआ। जिस छत से उसके गिरने, फेंके जाने की आशंका जताई जा रही, वहां जाने का मार्ग भी संकरा है।
12 साल पहले भी मिला था शव
स्थानीय लोगों ने पुलिस को बताया कि 12 साल पहले वर्ष 2008 में भी एक युवक का शव उसी जगह मिला था जहां विनोद का शव मिला। विनोद ने पुलिस को बताया कि देर रात 12 बजे घर का मुख्य गेट बंद करने के बाद वह आंगन में भी गए थे लेकिन तब तक ऐसी कोई बात नहीं थी। घर में लगे सीसीटीवी कैमरे का नाइट विजन काम नहीं करने से पुलिस को वहां कोई ठोस सुराग नहीं मिला।