बलिया में गंगा नदी का कटान तेज होने से एनएच पर खतरा, तटवर्ती इलाकों में हर दिन बढ़ रहा संकट
बलिया में गंगा कटान से एनएच-31 की दूरी अब महज 20 मीटर है। इस स्थान पर बाढ़ विभाग के लोग बचाव कार्य में जुटे हैं।
बलिया, जेएनएन। रामगढ़ में गंगा का कटान एनएच की ओर बढ़ रहा है। समय रहते यदि मुकम्मल इंतजाम नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में बलिया-बैरिया मार्ग भी बंद हा सकता है। गंगा कटान से एनएच-31 की दूरी अब महज 20 मीटर है। इस स्थान पर बाढ़ विभाग के लोग बचाव कार्य में जुटे हैं। विपरीत स्थिति से निपटने के लिए मौके पर पत्थर का बोल्डर गिराया गया है, लेकिन गंगा के बढ़ते तेवर से इलाकाई लोग काफी भयभीत हैं। इस स्थान को सुरक्षित करने के लिए सरकार की ओर से पर्याप्त धन अवमुक्त किया गया है, लेकिन विभाग की ओर से कार्य पूर्ण नहीं हो पाया। जब कार्य प्रारंभ हुआ तभी बारिश और नदियों का जल स्तर बढऩे लगा। ऐसे में ठेकेदार कार्य बंद कर दिए। उसी का नतीजा है कि अब एनएच पर भी खतरा मंडराने लगा है।
ग्रामीण लगा रहे लापरवाही का आरोप
एनएच पर खतरा मंडराते देख स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बाढ़ विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से यहां कार्य कराने वाले ठेकेदार बीच में ही कार्य बंद कर दिए। यदि ठेकेदार चाहते तो यहां कार्य सुरक्षित लेवल तक अवश्य पहुंच गया होता। अब स्थिति बिगड़ते जा रही है, लेकिन ठेकेदारों का कोई पता नहीं है। इस संबंध में बाढ़ विभाग की ओर से कहा जा रहा है कि यहां किसी भी स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी है। एनएच को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।
बाढ़ से घिरे गांवों में नहीं पहुंच रही मदद
रेवती इलाके में टीएस बंधा के उत्तर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बसे नवका गांव की पासवान बस्ती, देवपुर मठिया की दलित बस्ती, धूपनाथ के डेरा और बैजनाथ यादव के डेरा आदि क्षेत्रों की लगभग 250 परिवार विगत तीन सप्ताह से सरयू के बाढ़ से घिरे हुए हैं। मौके पर भोजन व मवेशियों के चारा आदि की विकट समस्या है, लेेकिन जिम्मेदार किसी भी तरह की मदद पहुंचाने में विफल है। पीडि़त लोगों के लिए जो नाव लगाई गई है, उसकी स्वीकृति भी तहसील स्तर से नहीं दी जा रही है। मौसमी बीमारियों का भी प्रसार प्रभावित इलाकों में तेज हो गया है, लेकिन अभी भी किसी सरकारी कर्मचारी को मौके पर तैनात नहीं किया गया है। इसको लेकर लोगों में आक्रोश हैं।