दैनिक जागरण बाल संवाद : ऋण लेने में कब बंद होगा कमीशन का खेल, उद्योग के पक्षों को समझा छात्रों ने
बाल दिवस से शुरू श्रृंखला के तहत दैनिक जागरण किशोर मन को मंच उपलब्ध करा रहा है ताकि वे व्यवस्था से जुड़े सवाल रखें। इस क्रम में संयुक्त आयुक्त उद्योग उमेश कुमार सिंह से बच्चों ने संवाद किया। यह श्रृंखला जारी रहेगी।
वाराणसी, जेएनएन। बाल दिवस से शुरू श्रृंखला के तहत दैनिक जागरण किशोर मन को मंच उपलब्ध करा रहा है ताकि वे व्यवस्था से जुड़े सवाल रखें। इस क्रम में संयुक्त आयुक्त, उद्योग उमेश कुमार सिंह से बच्चों ने संवाद किया। यह श्रृंखला जारी रहेगी। हमारी कोशिश है कि बच्चे मौजूदा समय को किस रूप में देखते हैं, उसे साझा करें।
सवाल : सरकार स्वरोजगार को बढ़ावा दे रही है। बेरोजगारों को उद्योग लगाने के लिए सब्सिडी पर लोन देने की सुविधा है। वहीं बैंकों से लोन लेने जाओ तो वह कमीशन मांगते हैं। सब्सिडी कमीशन की ही भेंट चढ़ जाती है। इसे रोकने के लिए आप क्या कर रहे हैं?
-आशीष कुमार, श्री प्रकाश इंटर कालेज (पयागपुर मातलदेई)
जवाब : भ्रष्टाचार रोकने के लिए भी सरकार अब सभी व्यवस्थाएं आनलाइन कर रही है। अब विभिन्न योजनाओं में उद्योग लगाने के लिए भी आनलाइन पोर्टल पर आवेदन मांगे जाते हैं। ऋण की स्वीकृति प्रदान करने के लिए किसी भी अधिकारी के हस्ताक्षर की जरूरत नहीं पड़ती है। ऐसे में आपको उद्योग कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना है। उद्योग विभाग प्रोजेक्ट का भौतिक सत्यापन करते हुए 15 दिनों के भीतर स्वीकृति प्रदान कर देता है। यही नहीं अब बैंक को भी एक माह के भीतर लोन दे देना होगा है। यदि बैंक ने एक माह के भीतर लोन स्वीकृत नहीं किया तो हम लोग स्वयं संबंधित बैंक से बात करते हैं। दूसरी सबसे बड़ी बात यह है कि हमेशा जीवन में चुनौतियां बनी रहती है। हमें इनका सामना करना होगा। हमें हार नहीं माननी है। उद्योग का फंडा भी यही है। नकारात्मक सोच के साथ उद्योग नहीं लगाए जा सकते। सकारात्मक सोच रखें। उद्योग में आगे बढऩे की असीम संभावनाएं हैं।
सवाल : विभाग की ओर से उद्योग लगाने के लिए क्या प्रशिक्षण की भी व्यवस्था है?
-अनुराग कुमार, सरदार पटेल इंटर कालेज (चांदपुर)
जवाब : विभाग उद्योग लगाने के लिए बेरोजगारों को हर तरह से प्रोत्साहित करता है। समय-समय प्रशिक्षण भी संचालित किए जाते हैं। उद्योगपतियों को नई तकनीक से जोडऩे के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।
सवाल : स्वरोजगार के लिए कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हो रहीं हैं?
-सोनी पटेल, मां सरस्वती इंटर कालेज (चांदपुर)
जवाब : स्वरोजगार के लिए प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत 18 वर्ष से अधिक किसी भी उम्र के लोगों को उद्योग लगाने 25 लाख रुपये तक लोन दिया जाता है। इसमें 15 से 35 फीसद तक सब्सिडी की भी व्यवस्था है। इसके अलावा मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत भी 25 लाख लोन देने का प्रावधान है। 18 से 45 वर्ष के युवा इस योजना में लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस योजना में भी 25 फीसद तक सब्सिडी दी जाती है। इसके अलावा वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट के तहत बनारस में बनारसी साड़ी, जरी के काम के लिए भी सब्सिडी पर लोन की सुविधा है। मुख्यमंत्री ने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना शुरू किया है। इसके तहत उद्योग विभाग छोटे श्रमिकों को परंपरागत कार्यों के लिए उपकरण भी मुफ्त उपलब्ध कराए जाते हैं ताकि गांवों से जुड़े परंपरागत कार्यों को बढ़ावा दिया जा सके।
सवाल : उद्योग लगाने के लिए क्या-क्या सुविधाएं और मिलती हैं?
- शुभम कुमार, एसएस इंटर कालेज (काशीपुर)
जवाब : देश व प्रदेश सरकारी क्षेत्रों ने नौकरियों सीमित हैं। तकनीकी के इस दौर में निजी क्षेत्रों में भी अवसर कम हुए हैं। ऐसे में सरकार निजी उद्यमियों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करा रही हैं ताकि अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सके। उद्योग लगाने के लिए सब्सिडी पर लोन ही नहीं कई प्रकार की और सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। यदि कोई उद्यमी भूमि क्रय करता है। तो स्टांप शुल्क नहीं देना पड़ता है। वहीं सात से दस साल तक सब्सिडी दर से बिजली दी जाती है। उन्नत तकनीकी के लिए भी ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।
सवाल : उद्योग लगने से सरकार को क्या फायदा है?
-मुस्कान शर्मा, मां सरस्वती बालिका इंटर कालेज (चांदपुर)
जवाब : उद्योग लगने से सबसे बड़ा लाभ स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है। साथ ही सरकार को टैक्स मिलेगा। सरकार इसी टैक्स से शिक्षा, चिकित्सा, सुरक्षा, रोड सहित अन्य विकास का कार्य कराती है।
सवाल : सफल उद्यमी बनने के लिए उपाय है?
-रितिक जायसवाल, श्रीप्रकाश इंटर कालेज (पयागपुर मातलदेई)
जवाब : सफल उद्यमी या जीवन में सफल होने के लिए एक ही मंत्र है आत्मविश्वास। जीवन में हमें कभी आत्मविश्वास नहीं खोना चाहिए। जीवन में उतार-चढ़ाव लगे रहते हैं। यही स्थिति उद्योगों की भी है। कोराना महामारी में तमाम उद्योग प्रभावित हुए लेकिन दीपावली व छठ पूजा के बाद अब मार्केट में उछाल आया है। उद्योगों में भी आशा की किरण जगी है। दूसरी बात यह है कि आप अपनी रुचि के अनुसार काम का चयन करें। साथ ही प्रतिस्पर्धा बराबर वालों के साथ करें।
सवाल : आप उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात कर रहे हैं। वही बुनकरों को सब्सिडी की सुविधा खत्म कर दी गई, क्यों?
- लकी अंसारी, श्रीप्रकाश इंटर कालेज (पयागपुर मातलदेई)
जवाब : ऐसी बात नहीं है। बुनकरों को बिजली अब भी सस्ते दर में मिल रही है। घरेलू बिजली पर सब्सिडी खत्म की गई थी। हालांकि सरकार इस दिशा में फिर से विचार कर रही है।
सवाल : जिला उद्योग केंद्र का मुख्य कार्य क्या है?
-सचिन शर्मा, पद्मासिनी विद्या बिहार उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (भुल्लनपुर)
जवाब : जैसा की पहले ही बताया जा चुका है कि जिला उद्योग केंद्र का मुख्य कार्य उद्योग को प्रोत्साहित करना है। बेरोजगारों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना है। आप स्वयं दूसरों को रोजगार उपलब्ध कराएं। इसके लिए उद्योग केंद्र में विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। सरकार जनसंख्या के सापेक्ष हर व्यक्ति को रोजगार नहीं उपलब्ध करा सकती है। ऐसे में बेरोजगारों को उद्योग केंद्र के माध्यम से उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जाता है।
सवाल : स्वरोजगार के लिए भी क्या डिग्री की आवश्यकता है?
-विकास शर्मा, पद्मासिनी विद्या बिहार उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (भुल्लनपुर)
जवाब : स्वरोजगार शुरू करने के लिए डिग्री की नहीं हुनर की जरूरत है। आज के दौर में लोगों के पास डिग्री तो है, लेकिन हुनर का अभाव है। इसके चलते ही वह बेरोजगार है। इसे देखते हुए सरकार अब स्किल डेवलमेंट पर बल दे रही है ताकि लोगों को हुनरमंद बनाया जा सके।
इन्होंने भी पूछे सवाल
-रिशु कुमार, एसएस इंटर कालेज (काशीपुर)
-सन्नी सोनकर, सरदार पटेल इंटर कालेज (चांदपुर)