साइबर शिक्षा से होगी साइबर सुरक्षा, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में वेबिनार में बोले वक्ता
एकेडमिक अवार्ड कमेटी (सीएसआइ) के चैयरमैन प्रो. एके नायक ने कहा कि तकनीकी के इस दौर में साइबर क्राइम का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। साइबर क्राइम से बचने के लिए जागरूकता बेहद जरूरी है। ऐसे में वर्तमान में साइबर शिक्षा की ज्यादा जरूरत है।
वाराणसी, जेएनएन। एकेडमिक अवार्ड कमेटी (सीएसआइ) के चैयरमैन प्रो. एके नायक ने कहा कि तकनीकी के इस दौर में साइबर क्राइम का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। साइबर क्राइम से बचने के लिए जागरूकता बेहद जरूरी है। ऐसे में वर्तमान में साइबर शिक्षा की ज्यादा जरूरत है। इसके माध्यम से साइबर उपयोग की जानकारी बढ़ेगी। साथ ही साइबर सुरक्षा के प्रति लोग सतर्क रहेंगे।
प्रो. नायक पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की ओर रविवार को आयोजित 'साइबर सुरक्षा का सामाजिक प्रभाव विषयक वेबिनार को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत में डिजिटल लिटरेसी तो बढ़ रही है लेकिन डिजिटल शिक्षा में अभी ज्यादा अंतर है। शहरी क्षेत्र के साइबर उपयोगकर्ता के मुकाबले ग्रामीण अभी काफी पीछे हैं। आनलाइन एप्लिकेशन तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में साइबर क्राइम की संभावना बढ़ जाती है जिसे रोकने के लिए साइबर सुरक्षा की आवश्यकता भी महसूस होने लगी है। उन्होंने बताया कि साइबर अपराध को रोकने के लिए एकीकृत सूचना, उसकी उचित उपलब्धता और विश्वसनीयता तीनों जरूरी है।
मुख्य वक्ता कंप्यूटर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, केंद्रीय विश्वविद्यालय (झारखंड) के अध्यक्ष प्रो. एससी यादव ने कहा कि मोबाइल फोन, कंप्यूटर, डेक्सटाप आदि से इंटरनेट का उपयोग करते समय सतर्कता भी जरूरी है अन्यथा साइबर थ्रेट या अटैक का शिकार हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि विश्व की कुल आबादी के 59 फीसद लोग इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं। मोबाइल फोन से इंटरनेट चलाने वाले 67 फीसद लोग हैं। भारत में लगभग 50 फीसद लोग इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं।
भारत में हाल के वर्षों में साइबर अपराध भी 63 फीसद बढ़ा है। उन्होंने बताया कि आपराधिक गतिविधियां इंटरनेट पर ज्यादा हो रही हैं। हैकिंग, वायरस, धमकी, आक्रमण जैसे अपराध इंटरनेट पर बढ़ रहे हैं। साइबर सुरक्षा के पर्याप्त उपाय भी नहीं है। ऐसे में साइबर उपयोगकर्ता को सजग रहना होगा। कोरोना महामारी के दौरान 72 फीसद साइबर अटैक भारत में हुआ है।
अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. टीएन सिंह ने कहा कि अनजाने में एक क्लिक से कई गलतियां होती रहती हैं जो किसी जोखिम में भी डाल देती हैं। इंटरनेट पर डेटा और डाक्यूमेंट की सुरक्षा कैसे हो, इस पर विचार करने की आवश्यकता है। साथ ही साइबर उपयोगकर्ता को भी सतर्क रहना होगा।
विशिष्ट अतिथि उदय प्रताप स्वायतशासी कालेज के प्राचार्य डा. जीएस राठौर ने कहा कि साइबर की सुरक्षा का ज्ञान सभी को नहीं होता। इससे साइबर अपराध होता है। लोगों को साइबर का ज्ञान बढ़ाना चाहिए। विषय प्रवर्तन पत्रकारिता विभाग के प्रभारी डा. विनोद सिंह संचालन संचालन डा. रोहित कुमार व धन्यवाद ज्ञापन डा. रमेश कुमार सिंह ने किया। वेबिनार में डा. केके सिंह, डा. सतीश कुशवाहा, प्रो. आरपी सिंह, डा. नागेंद्र पाठक सहित करीब 250 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।