युवाओं की कलाओं से स्पंदित हुआ सांस्कृतिक कुंभ, बीएचयू में विविध आयोजन की धूम
बीएचयू के सबसे बड़े सांस्कृतिक महोत्सव स्पंदन 2020 का आगाज रविवार को बड़े ही धूमधाम से हुआ।
वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू में सांस्कृतिक महोत्सव 'स्पंदन 2020' की शुरूआत रविवार को बड़े ही धूमधाम से हुआ। युवा महोत्सव के पहले दिन क्विज, माइम, रंगोली, सुभाषण, ऑन द स्पॉट पेंटिंग, कार्टूनिंग व टर्न कोट प्रतियोगिता में छात्रों ने अपने ढंग-ढंग से प्रतिभा प्रदर्शन कर निर्णायकों व लोगों को प्रभावित किया। बीएचयू मुख्य परिसर के अलावा बरकछा स्थित दक्षिणी कैंपस व सभी संस्थानों व महाविद्यालयों के विद्यार्थी इस सांस्कृतिक कुंभ में एक साथ हिस्सा लेते हैं।
प्रतियोगिता के दौरान निर्णायक मंडल सहित आए लोगों ने छात्रों का मनोबल खूब बढ़ाया। वहीं लोगों में एक उत्साह व आनंद का माहौल भी देखने को मिला। आगाज भले ही शनिवार को हुआ हो पर स्पंदन का औपचारिक उद्घाटन पद्मश्री डा. सोमा घोष करेंगी।
अलग-अलग विधाओं पर हुई प्रतियोगिता
जनसंचार विभाग के सभागार में हुए क्विज कंपटिशन में 60 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिसमें से 18 छात्रों की छह टीमों का चयन किया गया। इनका निर्णायक क्विज अब 26 फरवरी को होगा। वहीं विज्ञान संस्थान के न्यू लेक्चर थियेटर में महामना का स्वप्न साकार करना है, एक श्रेष्ठ नागरिक बनना है विषय पर सुभाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। सभी संकाय के 58 छात्रों ने धर्म, राष्ट्रीयता, देशभक्ति, शिक्षा, निर्धनता, अंतरजातीय विवाह, अभिव्यक्ति की आजादी व महिलाओं की स्थिति पर बड़े ही सार्थक विचार रखे। इसके विजेताओं की घोषणा 27 फरवरी को की जाएगी। वहीं दृश्य कला संकाय में शिक्षा संकाय की रिमझिम कुमारी की नेत्रदान पर बनाई गई रंगोली चर्चा का विषय बनी रही। वहीं ऑन द स्पॉट पेंटिंग, राजनीति पर व्यंग्य करती कार्टूनिंग का आयोजन किया गया।
माइम व संगीत ने मोहा मन
परिसर के स्वतंत्रता भवन सभागार में अतुल्य भारत, यौन उत्पीड़न, गांधी जी के भारत पर छात्र-छात्राओं का दल माइम के माध्यम से दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब रहे। वहीं दूसरे सत्र में आयोजित टर्न कोट प्रतियोगिता में 20 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। पंडित ओंकारनाथ ठाकुर प्रेक्षागृह में तबला वादन प्रतियोगिता में नौ प्रतिभागियों ने इस महोत्सव को संगीतमय बना दिया। वहीं म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंटल में दीप्ति तिवारी ने सितार, शुभम कुमार ने बांसूरी व अन्य विद्यार्थियों ने अपने वाद्य यंत्रों के मधुर ध्वनि से सभागार में बैठे लोगों को कायल कर दिया।