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लूट की फर्जी कहानी गढ़ने वाले को ही एसपी ने कुर्सी में बगल बैठाकर दिया सम्‍मान

जौनपुर में फर्जी लूट के मामले में एसपी दिनेश पाल सिंह की बगल प्रेस कांफ्रेंस में बैठने वाले इस वारदात के मास्टरमाइंड ने सिस्टम पर सवाल खड़ा कर दिया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 03 Nov 2018 02:04 PM (IST)Updated: Sat, 03 Nov 2018 02:04 PM (IST)
लूट की फर्जी कहानी गढ़ने वाले को ही एसपी ने कुर्सी में बगल बैठाकर दिया सम्‍मान
लूट की फर्जी कहानी गढ़ने वाले को ही एसपी ने कुर्सी में बगल बैठाकर दिया सम्‍मान

जौनपुर (जेएनएन) । हीरा व्यवसायी को गोली मार कर आभूषण समेत करीब 1.70 करोड़ रूपये की लूट की घटना फर्जी होने पर भले ही पुलिस महकमें सहित योगी सरकार ने राहत की सांस ली हो, लेकिन एसपी दिनेश पाल सिंह की बगल प्रेस कांफ्रेंस में बैठने वाले इस वारदात के मास्टरमाइंड ने सिस्टम पर सवाल खड़ा कर दिया। जी हां शुक्रवार की देर शाम पुलिस लाइन में हुई प्रेस कांफ्रेंस 1.70 करोड़ लूट की झूठी कहानी तैयार करने वाले व्यापारी को ही एसपी के बगल वाली कुर्सी पेश की गई। यही नहीं पत्रकारवार्ता में खुद एसपी दिनेश पाल सिंह की जुबान व्यापारी को श्री-श्री कहते नहीं थकी, लूट की फर्जी साजिश रचने वाला व्यापारी एसपी की बगल में बैठकर शान से पत्रकारवार्ता करता नजर आया। जिस लूट ने प्रदेश की पुलिसिंग पर सवाल खड़ा कर दिया उसके मास्टर माइंड पर पुलिस इतनी मेहरबान क्यों है? का सवाल खड़ा किया गया तो एसपी सकपका गए। कुछ नहीं सूझा तो सवाल को बहस बता कर टरका दिए।

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ऐसे रची थी लूट की फर्जी कहानी 

रायबरेली के हीरा व्यवसायी नागेश दुबे 31 अक्टूबर की सुबह अपनी कार खुद चलाते हुए वाराणसी और जौनपुर में हीरा सप्लाई करने निकले थे। एक प्रतिष्ठित ज्वेलरी शोरूम में सप्लाई कर दूसरे व्यवसायी के यहां जाने वाले थे कि रात अधिक हो गई। बताते हैं कि इस कारण वह बक्शा थाना क्षेत्र के ही सुल्तानपुर स्थित अपने पैतृक आवास जाने लगे। रात करीब सवा दस बजे बजे उन्होंने पुलिस को फोन कर सूचना दी कि कुछ बदमाशों ने उनको गोली मार कर एक करोड़ 70 लाख की लूट लिए। इतना बड़ी लूट सामने आते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया।

दूसरे दिन ही हरकत में आई थी सरकार

वारदात की खबर मीडिया में सुर्खियां में रही। दूसरे दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक ने प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए एसटीएफ समेत आईजी और डीआईजी को इसमें लगा दिया। पूरे दो दिन तक टीम इधर-उधर हाथ मारती रही, लेकिन सुराग नहीं लगा। 

पुलिस की विवेचना में सामने आई यह सच्चाई

एसपी ने बताया कि पुलिस की विवेचना में यह बात सामने आई कि 31 अक्टूबर की रात साढ़े नौ बजे नागेश दुबे की कार में दो बाइक सवार पीछे से टक्कर मार दिए। नागेश ने गाड़ी रोक दिया। इसके बाद बाइक सवार उनकी गाड़ी के आगे की बायीं तरफ की कांच तोड़ दिए। इसका विरोध करने पर नागेश को बाएं हाथ में गोली मार दिए। नागेश ने मुकदमा बनाने के उद्देश्य से लूट की घटना की सूचना पुलिस को दी। इसके चलते पुलिस ने पूर्व में दर्ज लूट के मुकदमें की धारा बदल दी है। साथ ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

खुद हीरा व्यावसायी ने किया यह खुलासा

हीरा व्यावसायी ने नगेश दुबे ने साफ शब्दों में मीडिया को बताया कि लूट की फर्जी शिकायत दर्ज कराई थी। उनकी कुछ लोगों से मारपीट हुई थी। इस दौरान दूसरे पक्ष ने उन्हें गोली मार दी। अपना केस मजबूत करने के लिए उन्होंने फर्जी लूट का मुकदमा दर्ज कराया था। नागेश दुबे ने दावा किया कि उसने खुद पुलिस को फर्जी लूट के बारे में बताया।

पुलिस भी थपथपा रही अपनी पीठ

नागेश के दावे को दरकिनारे करते हुए पुलिस ने भी जांच में खुलासा किए जाने का दंभ भरा है। फर्जी लूट का खुलासा करते हुए एसपी दिनेश पाल सिंह अपनी पीठ थपथपाने से नहीं चूके। बताया कि जांच और अन्य सराफा व्यवसाइयों से पूछताछ में घटना पर संदेह पैदा हुआ था। इसके बाद इसकी परत दर परत खुलती गई। 

कौन बोल रहा सच, साजिशकर्ता या पुलिस

पुलिस दावा कर रही है कि जांच में व्यापारी के खिलाफ सबूत मिलने पर उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी, लेकिन एसपी ये भूल गए कि खुद ही व्यापारी चीख-चीख कर कह रहा है कि हां उसने ही फर्जी लूट की योजना बनाई थी। उसके इस इकबालिया बयान के बाद भी एसपी उसे कटघरे में खड़ा करने के बजाय अपने बगल में कुर्सी देकर इज्जत अफजाई में लगे रहे। शायद ये इसलिए भी हुआ क्योंकि वो कोई मामूली व्यक्ति नहीं था, वो हीरे का बड़ा कारोबारी था।


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