वाराणसी में दम घोंटू वायु प्रदूषण के बीच वृक्ष को राखी बांध कर प्रकृति संरक्षण की हुई अनोखी पहल
देश में सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में शामिल वाराणसी जिले में वायु प्रदूषण रोकने के लिए सामाजिक संस्थाएं भी अागे आ रही हैं।
वाराणसी, जेएनएन। देश में सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में शामिल वाराणसी जिले में वायु प्रदूषण रोकने के लिए सामाजिक संस्थाएं भी अागे आ रही हैं। इसी कड़ी में पर्यावरण बचाने के लिए कार्यरत संस्था क्लाइमेट एजेंडा द्वारा वाराणसी के मैदागिन स्थित लाल बहादुर शास्त्री पार्क में लगे मृत अवस्था में लगे पीपल के पेड़ को बचाने के प्रयास में पेड़ की रक्षा के लिए रक्षा बंधन बांधने के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। क्लाइमेट एजेंडा को यह सूचना मिली कि मैदागिन स्थित पीपल के पेड़ की जड़ें ही काट दी गयी हैं, मिट्टी हटा कर सीमेंट लगा दिया गया है और सौंदर्यीकरण की आड़ में मूल रूप से इसे सुखा कर गिराने की तैयारी चल रही है।
इस सूचना को संज्ञान में लेते हुए शनिवार को पेड़ को राखी बांधकर प्रकृति संरक्षण का सन्देश दिया गया और साथ ही पेड़ के आस पास साफ़ सफाई, मिट्टी एवं पानी भी डाला गया। साथ ही जिला प्रशासन, नगर निगम एवं अन्य विभागों के लिए कोइ कवायद होती नहीं दिखी। इसलिए स्थानीय नागरिकों एवं हरिशचंद्र डिग्री कॉलेज के छात्र- छात्राओं के सहयोग से मिट्टी इकट्ठा कर उस पेड़ में डाला गया और पानी डाल कर संरक्षण करने का प्रयास किया गया।
क्लाइमेट एजेंडा की मुख्या अभियानकर्ता एकता शेखर ने स्थानीय लोगो को संबोधित करते हुए कहा कि पीपल का पेड़ और पुराने सभी पेड़ हमारी प्रकृति, स्वास्थ्य और आस्था के एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। इसको विकास और सौंदर्यीकरण के ढकोसले का शिकार एक जीवनदायिनी पेड़ को खत्म किया जा रहा है। जबकि आज वायु प्रदूषण बहुत तेजी से घातक स्थिति में पहुंच गई और स्थिति लगातार बिगडती जा रही है। आम जनता के सांस लेना मुहाल हो रहा है ऐसे स्थिति में शहर के पुराने पेड़ों बचाने की कवायद करनी चाहिए। इसलिए शनिवार को क्लाइमेट एजेंडा द्वारा एक रोचक और नायाब तरीका अपना कर उस पीपल के पेड़ को रक्षा बंधन बांध कर “पेड़ की रक्षा, सबकी सुरक्षा” का सन्देश दिया जा रहा है। शहर के अन्य पुराने पेड़ो को बचाए जाने में संस्था हमेशा तत्पर रहेगी।
शनिवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स है 350 है जो मानक से बहुत अधिक है, ऐसे में बच्चे, बूढ़े एवं श्वास सम्बन्धी लोगों के लिए तो वायु ज़हरीली है ही वही सामान्य स्वास्थ्य के लोगो को भी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में प्रशासन एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को उदासीनता छोड़ उचित कार्यवाही एवं आम जनता के बीच स्वास्थ्य सलाह जारी की जानी चाहिए। साथ ही शहर में सभी पुराने के पेड़ो के संरक्षण के लिए भी कदम उठाने की आवश्कता है। कोई भी पीपल का पेड़ और पेड़ों के मुकाबले ज्यादा ऑक्सीजन देता है और दिन में 22 घंटे से भी ज्यादा समय तक ऑक्सीजन देता है।
पीपल के पेड़ का विस्तार, फैलाव और ऊंचाई बहुत अधिक होती है। ऐसे ज़रूरी है कि वायु गुणवत्ता के सुधार के लिए पेड़ो का संरक्षण किया जाए। आयोजन में मुख्य रूप से श्री प्रकाश, सतीश सिंह स्वतंत्र, अमर सिंह, आशीष पाल, हर्षिता गुप्ता, अनीता, सुनील, रवि मौर्या, श्वेता, आशीष पटेल, प्रतिमा निषाद, कबीर, सत्या, नेहा, प्रतिमा, पूजा, अक्षय, करण, आकाश आदि के साथ हरिश्चंद्र डिग्री कॉलेज के अन्य छात्र-छात्राओं की भागीदारी रही।