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सुरक्षा कारणों से वाराणसी न्यायालय परिसर की ऊंची होगी बाउंड्री, अधिकारियों ने किया निरीक्षण

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी के साथ जिला जज न्यायालय परिसर का निरीक्षण किया।

By Edited By: Published: Sun, 12 Jan 2020 01:48 AM (IST)Updated: Sun, 12 Jan 2020 08:51 AM (IST)
सुरक्षा कारणों से वाराणसी न्यायालय परिसर की ऊंची होगी बाउंड्री, अधिकारियों ने किया निरीक्षण
सुरक्षा कारणों से वाराणसी न्यायालय परिसर की ऊंची होगी बाउंड्री, अधिकारियों ने किया निरीक्षण

वाराणसी, जेएनएन। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी के साथ जिला जज न्यायालय परिसर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान परिसर की चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए बाउंड्रीवाल को ऊंचा उठाने की आवश्यकता बतायी गई। साथ ही सभी प्रवेश द्वारों पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने पर बल दिया गया। जिलाधिकारी ने परिसर के प्रवेशद्वारों से सुरक्षित प्रवेश तथा जज, वकील, मुवक्किल, न्यायालय कर्मियों, वादकारियों के प्रवेश के लिए प्रवेश द्वार का निर्धारण किए जाने पर जोर दिया। निरीक्षण के बाद जिला जज उमेश चंद शर्मा के साथ उनके सभागार में न्यायालय परिसर की सुरक्षा संबंधी गहन समीक्षा की गई।

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निरीक्षण के दौरान एडीएम सिटी विनय कुमार सिंह, एसपी सिटी संतोष सिंह व अन्य अधिकारी मौजूद थे। बिजनौर की घटना के बाद सभी गंभीर जिला बिजनौर के एसीजीएम के न्यायालय कक्ष में अभियुक्त की गोली मारने की घटना के बाद से न्यायालय के साथ ही सरकार भी सजग हो गई है। शासन ने जिला प्रशासन से सुरक्षा इंतजामों के विषय में जानकारी मांगी है। न्यायालय परिसर में स्थापित सीसीटीवी कैमरों, सुरक्षा उपकरणों, सुरक्षा व्यवस्था का विवरण क्या है। इसी सभी को इकट्ठा करने के बाद शासन को भेजा जाएगा। उसी के अनुसार आवश्यकता अनुसार सुविधाएं शासन द्वारा उपलब्ध कराई जाएंगी।

सुरक्षा के होंगे कई इंतजाम : अदालतों की सुरक्षा चाक चौबंद करने के लिए हाईकोर्ट ने न्यायालयों में बाउंड्रीवाल तैयार करने, अधिवक्ताओं को कार्ड और वादकारियों को परिचय पत्र से प्रवेश देने, न्यायालयों में विशेष प्रशिक्षित फोर्स लगाने, सीसीटीवी कैमरे की समुचित व्यवस्था और उसकी मानीट¨रग करने को कहा है। बम ब्लास्ट के बाद कई बार बनी योजना कचहरी परिसर में बम ब्लास्ट की घटना होने के बाद सुरक्षा को लेकर प्रश्न उठे। उसके बाद कचहरी परिसर के सभी प्रवेश द्वारा पर डीएफएमडी लगाए गए लेकिन वह कुछ दिन बाद ही खराब हो गए अब तो कई जगह से हटा भी लिए गए। साथ ही आटोमेटिक बैरियर आदि की व्यवस्था करने की योजना कागजों पर भी रह गई।


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