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डबल मर्डर में असलहा बरामद करने को आठ घंटे का समय, आरोपितों को पुलिस कस्टडी में देने का अदालत ने दिया आदेश

चेतगंज थाना क्षेत्र के कालीमहाल मोहल्ला में हुए डबल मर्डर में प्रयुक्त असलहा बरामद करने के लिए पुलिस को आरोपितों की पुलिस कस्टडी मिली है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 07:04 PM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 07:04 PM (IST)
डबल मर्डर में असलहा बरामद करने को आठ घंटे का समय, आरोपितों को पुलिस कस्टडी में देने का अदालत ने दिया आदेश
डबल मर्डर में असलहा बरामद करने को आठ घंटे का समय, आरोपितों को पुलिस कस्टडी में देने का अदालत ने दिया आदेश

वाराणसी, जेएनएन। चेतगंज थाना क्षेत्र के कालीमहाल मोहल्ला में हुए डबल मर्डर में प्रयुक्त असलहा बरामद करने के लिए पुलिस को आरोपितों की पुलिस कस्टडी मिली है। पैतृक संपत्ति और गद्दी को लेकर पिशाचमोचन के पुरोहित केके उपाध्याय और उनकी पत्नी ममता उपाध्याय की हत्या के मामले मे जेल में बंद तीनों आरोपितों राजेंद्र उपाध्याय, पत्नी पूजा और बेटे रजत उपाध्याय को आठ घंटे के लिए पुलिस कस्टडी में देने का सशर्त आदेश दिया है। आरोपितों की पुलिस कस्टडी की अवधि 16 अक्टूबर को सुबह आठ बजे से प्रारंभ होगी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रणविजय सिंह ने आरोपितों से कस्टडी के दौरान की गई कार्यवाही तथा बरामदगी का वीडियो रिकार्डिंग कराने का निर्देश दिया है। आरोपितों से बरामद होने पर उसे तत्काल न्यायालय में पेश करने को कहा है।

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विश्वविद्यालय के मैदान में दबाकर रखा है असलहा

चेतगंज पुलिस ने इन आरोपितों को उनके कस्टडी में देने की अदालत से अपील की थी। विवेचक की ओर से दिये गए अर्जी में कहा गया है कि आरोपितों ने घटना में प्रयुक्त असलहे और कारतूस को बरामद कराने का बयान दिया है। आरोपितों ने बताया है कि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के खाली पड़े मैदान में पीछे की तरफ टूटी दीवार की ओर झाडिय़ों में पालीथीन में उसे मिट्टी में दबाकर रखा है। रजत ने बयान दिया है कि वारदात के बाद घटना में प्रयुक्त पिस्टल को स्कूटी की डिग्गी में रखकर मां के साथ भागकर महेंद्र प्रताप राय के घर गया। स्कूटी और पिस्टल को उनके घर में छिपाया है। राजेंद्र उपाध्याय ने पिशाचमोचन पर स्थित गद्दी व संपत्ति को लेकर उसके भाई कृष्णकांत उपाध्याय से विवाद होना बताया है। इसी विवाद को लेकर 21 सितंबर को पूजा उपाध्याय के ललकारने पर कृष्णकांत और उसकी पत्नी को राजेंद्र और उसके बेटे रजत ने गोली मारकर हत्या कर दिया था। आरोपितों ने कृष्णकांत के बेटे सुमित को भी मारने को कोशिश की थी। घटना के बाद फरार इन आरोपितों ने चार अक्टूबर को अदालत में समर्पण किया जहां से तीनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।


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