कफ सीरप माफिया शुभम ने निकाले थे 50 करोड़ रुपये, पुलिस की पकड़ से पहले रकम ठिकाने लगाई
वाराणसी में कफ सीरप तस्करी के मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल ने सतर्कता दिखाते हुए तस्करी में नाम आने से पहले ही अपने और परिवार के खातों से लगभग 50 करोड़ रु ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, वाराणसी। कफ सीरप तस्करी का मास्टर माइंड शुभम जायसवाल शातिर निकला। उसने खुद व परिजन के बैंक खातों में पड़े करीब 50 करोड़ रुपये ठिकाने लगा दिए। सोनभद्र में 18 अक्टूबर को तीन करोड़ का कफ सीरप बरामद होने के बाद शुभम स्वयं पर शिकंजा कसने को लेकर आशंकित हो उठा।
सक्रियता दिखाते हुए आर्थिक सुरक्षा की दृष्टि से एहतियाती कदम उठाए। रुपये निकाल कर सुरक्षित तरीके से ठिकाने लगा दिए। गाजियाबाद पुलिस ने उसे चार नवंबर को साढ़े तीन करोड़ की कफ सीरप तस्करी में नामजद किया तो वह दूसरे ही दिन दुबई भाग गया।
15 नवंबर को वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस जब उसके बैंक खाते को खंगाली तो दो करोड़ रुपये ही फ्रीज करा पाई। शेष रुपये का लेखा-जोखा देखी तो कुछ राशि महाराष्ट्र के एक बैंक में ट्रांसफर की गई पाई गई, जबकि ज्यादातर राशि की नकद निकासी की गई। पुलिस ने अब 50 करोड़ रुपये को केंद्र में रखकर नई जांच शुरू कर दी है।
सोनभद्र पुलिस ने पहली बार 18 अक्टूबर को तीन करोड़ रुपये का कफ सीरप बरामद किया था। पुलिस बरामदगी को तस्करी की निगाह से देखती, उससे पूर्व ही शुभम ने खुद से जुड़े एसबीआइ, एचडीएफसी समेत कई बैंकों में पड़े रुपये इत्मीनान से ठिकाने लगाए। चूंकि उस समय कफ सीरप तस्करी का कोई हो-हल्ला नहीं था, इसलिए बैंक अधिकारियों ने भी कोई सवाल नहीं उठाए।
औषधि विभाग ने जब शुभम व उसके पिता भोला प्रसाद की रांची स्थित फर्म समेत 26 दवा दुकानों के खिलाफ वाराणसी कोतवाली में केस दर्ज कराया, तब कमिश्नरेट पुलिस सक्रिय हुई, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। हालांकि वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस का कहना है कि हमने तेज कार्रवाई की, इसलिए खाते में पड़े दो करोड़ रुपये फ्रीज हो पाए।
हम जानकारी जुटा रहे हैं कि शुभम ने कब-कब रुपये निकाले, कहां-कहां खर्च किए। यह जानकारी मिली है कि कुछ रुपये महाराष्ट्र के किसी बैंक में ट्रांसफर किए गए हैं। चूंकि जांच जारी है, इसलिए ज्यादा जानकारी नहीं दी जा सकती।

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