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मां घाव दिखा रही थी तो डॉक्टर नोटिस दिखाते रहे, फार्मासिस्ट वसूली में व्‍यस्‍त

फार्मेसी विभाग को तीमारदारों ने घेरा हुआ था, एक मां अपनी बेटी के घाव फार्मासिस्ट को दिखा रही थी, लेकिन उसे बाहर दीवार पर लगी नोटिस देखने के लिए कहा जा रहा था।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 09 Jan 2019 10:31 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jan 2019 11:29 AM (IST)
मां घाव दिखा रही थी तो डॉक्टर नोटिस दिखाते रहे, फार्मासिस्ट वसूली में व्‍यस्‍त
मां घाव दिखा रही थी तो डॉक्टर नोटिस दिखाते रहे, फार्मासिस्ट वसूली में व्‍यस्‍त

वाराणसी [नील दुबे] । बुधवार को यही कोई दोपहर 12.06 बजे थे। पंडित दीनदयाल राजकीय अस्पताल की फार्मेसी विभाग को तीमारदारों ने घेरा हुआ था। उसमें से एक मां अपनी बेटी के घाव फार्मासिस्ट को दिखा रही थी, लेकिन उसे बाहर दीवार पर लगी नोटिस देखने के लिए कहा जा रहा था। चार वर्षीय बेटी गुनगुन को शनिवार की शाम पागल कुत्ते ने काट लिया था, दाहिने पांव में गंभीर जख्म थे।

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चिरईगांव के काजीपुर गांव की यह बेबस मालती देवी डॉक्टर के आगे हाथ जोड़ रही थी। वह फार्मासिस्ट के पांव पकड़ रही थी .. गुहार लगाए जा रही थी कि बेटी को एंटी रैबीज इंजेक्शन लगा दो... लेकिन उसकी एक नहीं सुनी गई। बिना इंजेक्शन लगे ही उसे वापस लौटना पड़ा। वह पांच दिन से इसी काम के लिए अस्पताल आ रही है, मगर हर बार उसे सिर्फ दुत्कार मिली। यह सिर्फ मालती या गुनगुन का दर्द नहीं बल्कि उसके जैसे सैकड़ों लोगों जख्मी आते हैं और बिना दवा के वापस लौट जा रहे हैं। डॉक्टर कह रहे कि एंटी रैबीज इंजेक्शन खत्म है, इसकी नोटिस भी अस्पताल में चस्पा कर दी गई है। स्टाक आएगा तो ही इंजेक्शन लगेगा, फिलहाल वापस जाएं।

साहब गरीब हूं ... रहम करिए : मालती सोमवार को पहला इंजेक्शन पांडेयपुर राजकीय अस्पताल में लगवाना चाह रही थी, लेकिन इंजेक्शन खत्म होने की बात कहकर वापस लौटा दिया गया। वह डॉक्टर्स से यही कहती रह गई कि उसकी गरीबी पर तरस खाइए, इंजेक्शन लगा दीजिए। वह बुधवार को फिर बेटी को लेकर अस्पताल पहुंची लेकिन निराशा हुई।

इन्हें भी मिली निराश : नदेसर निवासी 45 वर्षीय प्रदीप कुमार को कुत्ते ने काट लिया था, पहला डोज तो समय से लगवा लिया लेकिन बुधवार को दूसरे डोज के लिए पहुंचे तो एंटी रैबीज इंजेक्शन न होने की वजह से वापस लौटना पड़ा। हतिया निवासी 35 वर्षीय अरुण कुमार व शिवपुर निवासी 25 वर्षीय सुरेश कुमार के साथ कई मरीज बिना इंजेक्शन अस्पताल में भटकते ही रह गए। 

रोजाना आ रहे 150 मरीज : राजकीय अस्पताल में रोजाना रैबीज से संबंधित 150 मरीज आ रहे हैं, केवल 30-40 मरीजों को ही इंजेक्शन मयस्सर हो पा रहा है। उसमें भी जुगाड़ लगाने के बाद काम हो पा रहा है। पिछले कई महीनों से यही स्थिति है। सरकार स्वास्थ्य को बेहद गंभीरता से देख रही है लेकिन जमीनी स्तर पर हालात चिंताजनक ही हैं।

प्रति मरीज वसूले जा रहे 10 रुपये : प्रति मरीज अस्पताल के एक फार्मासिस्ट द्वारा 10 रुपये वसूले जा रहे हैं, इसका वीडियो कई तीमारदारों ने बनाया हुआ है। हालांकि बात मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को शिकायत करने पर कार्रवाई का आश्वासन मिला है।

बोले अधिकारी : एंटी रैबीज इंजेक्शन अस्पताल में नहीं है, इसको लेकर मुख्यालय को पत्र लिखा गया है। अस्पताल के फंड से जितना मंगा पा रहे हैं, उतना लगवाने की कोशिश कर रहे हैं। समस्या बढ़ रही है, इसलिए और सक्रियता से कार्रवाई की जाएगी। - मेजर विपुल कुमार, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल।


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