Cosmetic Industry को कोरोना वायरस का झटका, पुराने प्रोडक्ट हो गए एक्सपायर, नये के 20 फीसद बढ़ गए दाम
कोरोना वायरस के कारण लगभग दो महीने से ज्यादा बाजार पूरी तरह बंद रहे ऐसे में कास्मेटिक उद्योग को बड़ा झटका लगा है। बहुत सारे प्रोडक्ट एक्सपायर हो चुके हैं तो नए के दाम बढ़ गए हैं।
वाराणसी, [वंदना सिंह]। कोरोना वायरस के कारण लगभग दो महीने से ज्यादा बाजार पूरी तरह बंद रहे। ऐसे में कई उद्योगों पर इसका बुरा असर पड़ा। वहीं, कास्मेटिक उद्योग और सैलून में भी इससे जबरदस्त झटका लगा क्योंकि अप्रैल व मई शादी का सीजन होने से इस दौरान कॉस्मेटिक प्रोडक्ट की ज्यादा बिक्री होती थी, वहीं सैलून में भी इसकी खपत बढ़ जाती थी जो इस बार नहीं हुआ। कई सारे कॉस्मेटिक प्रोडक्ट जो दुकानों में थे वे एक्सपायर हो चुके हैं। ऐसे में दुकानदारों और डिस्ट्रीब्यूटरों को काफी नुकसान हुआ है। यही हाल ब्यूटी पार्लरों का भी है।
प्रोडक्ट हो गए बेकार, संचालकों को झेलना पड़ रहा नुकसान
पूर्वांचल में कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स के डिस्ट्रीब्यूटर मनीष गर्ग बताते हैं कि कई सारे ब्यूटी प्रोडक्ट हैं जिसमें क्रीम व अन्य उत्पाद ऐसे हैं जिनकी एक्सपायरी डेट 6 महीने, 3 महीने और 2 साल की होती है। इस बार कोरोना से सैलून बहुत पहले ही बंद हो गए थे। ऐसे में जो हमारे यहां कॉस्मेटिक प्रोडक्ट 3 महीने वाले थे उनकी बिक्री ही नहीं हो सकी, जिससे वह दुकानों में रखे रखे ही बेकार हो गए। इससे लगभग 30 फीसद का नुकसान हुआ है। ये ऐसे प्रोडक्ट हैं जिन्हें कंपनी वापस नहीं लेतीं, जिससे दुकानदार, डिस्ट्रीब्यूटर और सैलून संचालक को ही नुकसान होता है।
इस वक्त कॉस्मेटिक प्रोडक्ट वही लोग खरीद रहे हैं जिन्हें ज्यादा जरूरत है। इसमें भी क्लीनअप, डिटेन, सनस्क्रीन, फेस क्रीम, फेस वॉश, डियो ही लोग ले रहे हैं। हालांकि डियो और अंडर आर्म रोल ऑन की बिक्री हो रही है। कोरोना के डर से लोग सैलून से दूरी बनाए हुए हैं। वहां पर न के बराबर ग्राहक जा रहे हैं। उधर, सैलून संचालकों द्वारा पीपीई किट, मास्क, शावर कैप, एप्रिन, ग्लव्स, फेस शील्ड किट आदि डिस्पोजल आइटम खरीदा जा रहा है ताकि सैलून को पूरी तरह हाइजीन रखते हुए कोरोना के बचाव नियमों के पालन के तहत ग्राहक को सुविधा दे सकें। कास्मेटिक प्रोडक्ट से ज्यादा डिस्पोजल किट की खरीदारी बढ़ गई है।
कंपनियों ने बढ़ाया 20 फीसद दाम
मनीष ने बताया कि अभी पुराने माल पुराने रेट पर ही बाहर निकाल रहे हैं क्योंकि उनकी बिक्री नहीं हो पाई थी। नए माल को कंपनियां 20 फीसद बढ़े दाम पर बेच रही हैं। जरूरी होने पर ही ऑर्डर दे रहे हैं। कई नए सैलून की ओपनिंग होनी थी जिसके कॉस्मेटिक प्रोडक्ट के ऑर्डर एडवांस के साथ मिले थे। मगर कोरोना से इसकी ओपनिंग नहीं हो पाई। ऐसे में ऑर्डर कैंसिल हो गए और एडवांस भी वापस करना पड़ा।
सोनभद्र से सोनौली तक सप्लाई
ब्यूटी एक्सपर्ट स्मृति नंदवानी बताती हैं कि बनारस में मऊ, गोरखपुर, आजमगढ़, जौनपुर, मीरजापुर, इलाहाबाद, सोनभद्र आदि जिलों समेत आस-पास के दुकानदार भी आते हैं। अब उनकी भी संख्या कम हो चुकी है। कुल मिलाकर 30 से 35 फीसद का बाजार बड़ी मुश्किल से चल रहा है। ऑनलाइन सामान की बिक्री पर भी जोर है मगर ग्राहक नहीं हैं। कोरोना से मई व जून का वेडिंग सीजन बेकार चला गया। इस वक्त रूट टचअप, थ्रेडिंग, पेडीक्योर और वैंक्िंसग के ही हमारे पुराने कस्टमर आ रहे हैं। उनकी भी संख्या कम है। नए कस्टमर नहीं आ रहे हैं। पार्लर लगातार बंद होने से कुछ हेयर प्रोडक्ट एक्सपायर हो गए या फिर गर्मी से बेकार हो गए। ग्राहक आएं इसलिए उन्हें सैलून के सैनिटाइजेशन के वीडियो भी शेयर कर रहे हैं।
आर्टिफिशियल ज्वेलरी व्यापारी मो. जुबैर का कहना है कि मुंबई, दिल्ली, राजकोट आदि जगहों से माल आता था वो सब अभी बंद है। मजदूर भी नहीं हैं कैसे सामान आएगा। अप्रैल व मई में शादी का सीजन और रमजान में खूब बिक्री होती थी जो इस बार नहीं हो पाई। बाजार में 10 फीसद भी ग्राहक नहीं हैं। सैलून संचालक कौशल कुमार सिंह बताते हैं कि सरकार की गाइडलाइन के तहत डिस्पोजल किट का प्रयोग सैलून में कर रहे हैं। इसका खर्च बढ़ गया है। अगर ग्राहक से सर्विस में डिस्पोजल किट का भी पैसा जोड़कर मांग रहे हैं तो वे देने को तैयार नहीं हैं। अचानक लॉकडाउन से सैलून में रखे हुए लगभग 30 फीसद कास्मेटिक आइटम खराब हो चुके हैं। सैलून खुल गया है लेकिन आमदनी तो नहीं खर्च ज्यादा हो रहा है। नया कास्मेटिक माल भी महंगा हो गया है।