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Lal Bahadur Shastri International Airport के विस्तारीकरण में कोरोना का ब्रेक, यात्रियों के नहीं मिलने से विमानन कंपनियां परेशान

कोरोना संक्रमण के कारण वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विस्तारीकरण को लेकर चल रही सारी कवायद पर ब्रेक लग गया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2020 07:52 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 12:39 AM (IST)
Lal Bahadur Shastri International Airport के विस्तारीकरण में कोरोना का ब्रेक, यात्रियों के नहीं मिलने से विमानन कंपनियां परेशान
Lal Bahadur Shastri International Airport के विस्तारीकरण में कोरोना का ब्रेक, यात्रियों के नहीं मिलने से विमानन कंपनियां परेशान

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के पहले लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विस्तारीकरण को लेकर चल रही सारी कवायद पर ब्रेक लग गया है। विमानन कंपनियां अधिक सीट वाले विमान चलाने की बजाय कम पर ज्यादा जोर दे रही हैं। यात्रियों के नहीं मिलने से विमानन कंपनियां परेशान हैं। लॉकडाउन से पहले एयरपोर्ट पर लगातार विमान यात्रियों की संख्या बढ़ रही थी। सालभर में करीब 30 लाख यात्रियों का आवागमन होने लगा था। विमान यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एयरपोर्ट का विस्तार किया जाना था जिससे रनवे की लंबाई बढ़ाने के साथ ही अन्य विभागों के कार्यालयों का भी विस्तार किया जा सके। एयरपोर्ट विस्तारीकरण को लेकर वर्ष 2015 से तैयारी चल रही है। अधिकारियों का कहना है कि महामारी नहीं आई होती तो विस्तारीकरण में आने वाली कई दिक्कतों को दूर कर लिया गया होता। अब तक किसानों को मुआवजा देने के साथ जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू हो गई होती।

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इसलिए पड़ी विस्तारीकरण की जरूरत

वाराणसी एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई अभी 2745 मीटर है जिसके चलते बड़े विमान जैसे- एयरबस ए-310 व 333 तथा बोइंग 777 नहीं उतर सकते हैं। यात्रियों की बढ़ती संख्या के चलते विमानन कंपनियां बड़े विमान चलाने की तैयारी कर रही थीं। वहीं, एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आइएलएस) को भी अपग्रेड किया जाना है। क्योंकि वर्तमान में एयरपोर्ट पर कैट-1 प्रणाली का आइएलएस उपयोग में लाया जाता है। जिससे 800 मीटर से कम दृश्यता होने पर एयरपोर्ट पर विमानों की लैंडिंग और टेक ऑफ नहीं हो पाता है। वाराणसी एयरपोर्ट पर कैट-3 बी प्रणाली का आइएलएस लगाया जाना है जिससे दृष्यता 50 मीटर होने पर भी विमानों का आवागमन आसानी से हो सकेगा। इसके लिए एयरपोर्ट अथारिटी के पास पर्याप्त भूमि नहीं है जिसके चलते भूमि अधिग्रहण किया जाना है।

अधिग्रहित की जानी है 593.77 एकड़ भूमि

चार फेज में कुल 593.77 एकड़ भूमि अधिग्रहित की जानी है जिसमें पहले फेज में भूमि की सर्वाधिक आवश्यकता है। पहले फेज में 350 एकड़ भूमि अधिग्रहित की जानी है जिसको लेकर जून-2019 में कर्मी, घमहापुर, खरका, सगुनहा, बसनी पठकान, पुअरा, रघुनाथपुर, बैकुंठपुर, सुजानीपुर आदि गांवों का पिंडरा तहसील के राजस्व कॢमयों ने सीमांकन कर लिया है। जिन किसानों की भूमि पहले फेज में ली जानी थी उनको नोटिस भेजने की तैयारी चल रही थी।


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