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काशिराज परिवार में विवाद : प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी बताएं, आखिर एक बेटी कहां जाए : विष्णुप्रिया

1971 में शादी के कुछ ही दिन बाद मेरा तलाक हो गया था। तब से मैं पिता पूर्व काशीनरेश स्व. विभूति नारायण सिंह के साथ ही थी। आखिर एक बेटी जिसका तलाक अरसा पहले हो चुका है कोई अन्य सहारा नहीं है वो पिता का घर छोड़कर आखिर कहां जाए।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 27 Sep 2021 12:10 AM (IST)Updated: Mon, 27 Sep 2021 12:10 AM (IST)
काशिराज परिवार में विवाद : प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी बताएं, आखिर एक बेटी कहां जाए : विष्णुप्रिया
वाराणसी में मिंट हाउस पर पारिवारिक विवाद के बारे में जानकारी देतीं काशिराज परिवार की विष्णु प्रिया (बीच में)।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। वर्ष 1971 में शादी के कुछ ही दिन बाद मेरा तलाक हो गया था। तब से मैं पिता पूर्व काशीनरेश स्व. विभूति नारायण सिंह के साथ ही थी। पिता के देहांत के बाद से ही मुझे किले से जाने को बोला जा रहा है। आखिर एक बेटी जिसका तलाक अरसा पहले हो चुका है, कोई अन्य सहारा नहीं है, वो पिता का घर छोड़कर आखिर कहां जाए। मिंट हाउस में रविवार को आयोजित प्रेसवार्ता के माध्यम से काशिराज परिवार की विष्णुप्रिया ने यह सवाल प्रधानमंत्री से किया। कहा, पीएम नरेन्‍द्र मोदी देश के मुखिया हैं। मैं भी उनकी बेटी हूं। कम से कम जो कागज पर लिखा है, उतना अधिकार तो उन्हें मिलना ही चाहिए। आरोप लगाया कि पारिवारिक बंदोबस्त के तहत कोदोपुर में मिले आराजी नंबर 3/1 पर स्टे के बावजूद उनके भाई डा. अनंत नारायण सिंह 23 सितंबर 2021 को जबरिया निर्माण कराने लगे। उनके कर्मचारियों ने जब रोकने का प्रयास किया तो पुलिस सहयोग करने की बजाय उल्टा उन्हें ही थाने ले गई। मारने-पीटने के साथ ही उन पर एकतरफा मुकदमा भी दर्ज कर दिया। वहीं चले आ रहे पारिवारिक विवाद पर विष्णुप्रिया ने कहा कि इस पूरे प्रकरण का हल उनके भाई अनंत नारायण सिंह और परिवार के अन्य सदस्य ही निकाल सकते हैं।

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काशिराज परिवार में संपत्ति को लेकर विवाद

काशिराज परिवार में संपत्ति को लेकर विवाद पुन: सड़क पर आ गया है। पूर्व काशीनरेश डा. विभूति नारायण सिंह की तीन पुत्रियों विष्णु प्रिया, हरि प्रिया, कृष्ण प्रिया और एक पुत्र अनंत नारायण सिंह के बीच पिछले कई वर्षों से किले के अंदर व बाहर की संपत्ति को लेकर खटपट जारी है। तीनों पुत्रियां अपने भाई व उनके कर्मचारियों पर तानाशाही व प्रताडऩा का आरोप लगाती रही हैं। उत्पीडऩ सहित मारपीट का केस भी कोर्ट में विचाराधीन है।

मालूम हो कि महाराज की तीनों पुत्रियां व पुत्र सभी किला परिसर में ही रहते हैं। मगर पिछले कुछ वर्षों से संपत्ति विवाद इस कदर हावी है कि भाई-बहन के बीच का प्यार फीका पड़ गया है। यहां तक कि रक्षाबंधन पर भी आपसी सद्भाव नहीं दिखाई देता। पुत्रियों का आरोप है कि पिता द्वारा दी गई संपत्ति को भी उनके भाई फर्जी तरीके से अपने नाम कराकर बेच रहे हैं। यही नहीं, जिस हिस्से में वे रहती हैं वह काफी जर्जर हो गया है। मरम्मत कराने के दौरान दुर्ग प्रशासन के कर्मचारियों ने रोक दिया था। अभी कुछ दिन पूर्व ही कोदोपुर में एक जमीन की रजिस्ट्री कर दिए जाने को लेकर भी विवाद सामने आया था। काशीराज परिवार की पुत्रियां मौके पर काम रुकवाने के लिए गुहार लगाती रहीं और इसका वीडियो भी वायरल हुआ। उनकी तरफ से एक पंपलेट भी छपवाया गया है जिसमें दुर्ग से जुड़ी किसी भी संपत्ति को न खरीदने की अपील की गई है।


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