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अदालत के आदेश का अनुपालन न कर जिलाधिकारी ने की अवमानना : हाई कोर्ट

माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने आदेश दिनांक 7 दिसंबर 2018 के माध्यम से अवैध निर्माण को ध्वस्त कर 7 मीटर चौड़ाई को बनाने के लिए आदेश किया था।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 05 Jun 2019 03:02 PM (IST)Updated: Wed, 05 Jun 2019 03:02 PM (IST)
अदालत के आदेश का अनुपालन न कर जिलाधिकारी ने की अवमानना : हाई कोर्ट
अदालत के आदेश का अनुपालन न कर जिलाधिकारी ने की अवमानना : हाई कोर्ट

जौनपुर, जेएनएन। जफराबाद नगर पंचायत में जफराबाद-बेलावं मार्ग पर अतिक्रमण कर बनाए गए अवैध मकानों को तोड़ने और सड़क की पूरी चौड़ाई को बनाये जाने के लिए माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश का उल्लंघन करने को लेकर श्री राम बसावन अग्रहरि द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में अवमानना का मामला दाखिल किया गया था। हाईकोर्ट के अधिवक्ता अनूप कुमार बरनवाल के माध्यम से दाखिल इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि सड़क की कुल चौड़ाई सात मीटर है, यह तथ्य अधिशासी अभियंता के पत्र दिनांक 9 जनवरी 2018 और उपजिलाधिकारी के आदेश पर लेखपाल द्वारा बनाए गए सीमांकन रिपोर्ट दिनांक 4 मई, 2018 से साबित है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने आदेश दिनांक 7 दिसंबर, 2018 के माध्यम से अवैध निर्माण को ध्वस्त कर 7 मीटर चौड़ाई को बनाने के लिए आदेश किया था। किंतु कुछ ही अवैध निर्माण गिराए गये और बाकी 45 लोगों द्वारा सड़क पर अतिक्रमण कर बनाए गए अवैध निर्माण नहीं गिराये गये हैं। 

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अवमानना याचिका में आरोप लगाया गया है कि मार्च 2019 में मात्र 3 मीटर चौड़ाई पर डामर लगा दिया गया, ताकि इन 45 लोगों के अवैध निर्माण को सुरक्षित किया जा सके। यह कार्यवाही माननीय उच्च न्यायालय की घोर अवमानना है। याचिका में यह भी कहा गया है कि जफराबाद में प्रवेश कर रहे सड़क मोहम्मद सईद घास तक 7 मीटर चौड़ा है किंतु उसके बाद मोहल्ला नासही से लाडनपुर चौराहा तक यह सड़क सकरा होकर 3 मीटर हो जाता है। इसके कारण ट्रैफिक जाम, जलजमाव, गन्दगी एवं बीमारी प्रकोप जैसी गम्भीर समस्याओं से जफराबाद वासियों एवं अन्य आने-जाने वाले मुसाफिरों को जूझना पड़ता है।

अवमानना याचिका में जौनपुर के जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी को पक्षकार बनाते हुए उनके खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश दिनांक 7 दिसंबर, 2018 का अवमानना प्रक्रिया शुरू करने की प्रार्थना की गई है। अवमानना याचिका में माननीय इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश दिनांक 30 मई, 2019 में पाया है कि प्रथम दृष्टया अवमानना का मामला बनता है। चार सप्ताह के भीतर आदेश का अनुपालन करने का हाई कोर्ट ने जिलाधिकारी को निर्देश दिया है याची को एक सप्ताह के भीतर विपक्षी के खिलाफ पैरवी करने का निर्देश जारी हुआ है।

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