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स्‍मार्ट फोन से साध रहे परलोक से संपर्क, महाश्‍मशान मणिकर्णिका पर दिखा नजारा

यहां देर रात होने पर पोथी के नाम पर मोबाइल का सहारा लिया जा रहा है, परलोक से संपर्क साधने के लिए भी स्‍मार्ट फोन की जरूरत महाश्‍मशान में पड़ने लगी है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 15 Oct 2018 08:04 PM (IST)Updated: Tue, 16 Oct 2018 09:29 PM (IST)
स्‍मार्ट फोन से साध रहे परलोक से संपर्क, महाश्‍मशान मणिकर्णिका पर दिखा नजारा
स्‍मार्ट फोन से साध रहे परलोक से संपर्क, महाश्‍मशान मणिकर्णिका पर दिखा नजारा

वाराणसी [नवनीत रत्‍न पाठक] । स्‍मार्ट फोन से अब पूरी धरती का काम सरल हो रहा है मगर पुरातन परंपराओं के लिए भी अब स्‍मार्ट फोन की जरूरत महसूस होने लगी है। सदियों से मान्‍यता है कि जहां चिताएं आज तक ठंडी नहीं हुईं, यहां के राह मोक्ष और धर्म से जुडते हैं तो अघोर पंथ की भी मान्‍यता काशी के महाश्‍मशान में आज भी जीवंत है। देश विदेश से तंत्र साधकों का जमावडा यहा नित्‍य लगा रहता है। सदियों से तंत्र साधना के तौर तरीके तो नहीं बदले मगर अब बदलाव नजर आने लगा है। तंत्र मंत्र की पोथी की जगह अब स्‍मार्ट फोन लेते जा रहे हैं। अब रात के धुप्‍प अंधेरे में किसी चिता के पास मोबाइल की रोशनी जली हुई नजर आए तो समझिए तंत्र साधना गूगल में मौजूद बीज मंत्रों से चल रही र्है। वहीं कुछ लोग एेसे भी हैं कि परिवार के सदस्‍य के निधन की जानकारी के बाद शव न मिलने की सूरत में घाट पर प्रतीकात्‍मक शवदाह करने आते हैं। ऐसे मामलों में भी रात होने पर पोथी के नाम पर मोबाइल का ही सहारा लिया जा रहा है। इस मामले को कुछ यों भी समझ स‍कते हैं कि अब परलोक से संपर्क के लिए भी स्‍मार्ट फोन की जरूरत महाश्‍मशान में पड़ने लगी है।

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जी हां, अब तंत्र साधना भी गूगल के सहारे महाश्‍मशान यानि मणिकर्णिका पर होती है। संचार क्रांति के इस युग में रात करीब दो बजे मणिकर्णिका घाट पर जलती चिता के निकट अग्नि प्रज्ज्वलित कर गूगल पर उपलब्ध तंत्र साधना के मंत्रों व उपायों के सहारे अपनी साधना को सिद्ध करने में जुटे तंत्र साधक बदलती परंपराओं का भान करा रहे हैं। यह तस्‍वीर अब घाट पर आम है, साथ ही यह नजारा सा‍बित करता है कि हमारे वेद, पुराण व तंत्र साधना के ग्रंथ लाइब्रेरी से निकल गूगल के दरवाजे से घर से घाट तक दस्‍तक दे रहे हैं। 

बोले तंत्र साधक : एक तंत्र साधक ने कुबूल किया कि पहले चिता की रोशनी में तंत्र मंत्र की पोथी पढना दिक्‍क‍त भरा होता था। चिता ठंडी होते ही रोशनी भी खत्‍म हो जाती है लिहाजा एकांत की आस में चिता के पास रोशनी करने से लोगाें की सतर्क निगाह से रोक टोक के अवसर भी बढ़ जाते हैं। ऐसे में तंत्र साधना भी बाधित होती है। अब मोबाइल में रोशनी भी है और पोथी भी, चिता की रोशनी के सहारे तंत्र मंत्र की पोथी पढना दुश्‍वारी भरा है।

गूगल में तंत्र साधना : गूगल खोज विकल्‍पों में तंत्र और मंत्र की साधना को लेकर कई पोर्टल हैं जहां इन बीज मंत्रों की जानकारी है। पोथियों की डिजिटल फाइलें भी मौजूद हैं लिहाजा कभी महाश्‍मशान पर रोकटोक की नौबत आती है तो पोथी न रहने से तंत्र मंत्र के साधक भी निश्चिंत रहते हैं। नवरात्रि ही नहीं बल्कि वर्ष भर यह नजारे महाश्‍मशान पर आम हैं और परलोक साधने में अाम हो रही है स्‍मार्ट फाेन की दुनिया भी। 


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