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वाराणसी में मनाया गया संविधान दिवस, छात्र छात्राओं को दी गई भारतीय संविधान की जानकारी

वाराणसी में संविधान दिवस के मौके पर छात्र छात्राओं को भारतीय संविधान की जानकारी देने के साथ इसकी विशेषताओं से भी अवगत कराया गया। विद्यार्थियों के इसके इतिहास और प्रदत्‍त अधिका‍रों के बारे में भी बताकर उनको जागरुक किया गया।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 26 Nov 2022 01:46 PM (IST)Updated: Sat, 26 Nov 2022 01:46 PM (IST)
वाराणसी में मनाया गया संविधान दिवस, छात्र छात्राओं को दी गई भारतीय संविधान की जानकारी
वाराणसी में भारतीय संविधान दिवस पर छात्रों को जानकारी दी गई।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। Constitution Day celebrated in Varanasi : भारतीय संविधान दिवस के मौके पर वाराणसी में कई स्‍थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। शहर में आयोजित कार्यक्रमों में भारतीय संविधान की विशेषता के साथ ही इसकी महत्‍ता और प्रदत्‍त किए गए मानव के अधिकारों के बारे में भी बताया गया। युवाओं और छात्रों को जागरुक करने के साथ ही संविधान की विशेषताओं से भी अवगत कराने के साथ ही संविधान दिवस पर संविधान के बारे में सवाल जवाब कर युवाओं को जागरुक किया गया। 

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इसी कड़ी में शनिवार को मिर्जामुराद में लोक समिति और सामाजिक संस्‍था आशा ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय संविधान दिवस के अवसर पर मां कंचन देवी इण्टर कालेज कल्लीपुर में शनिवार को संविधान दिवस मनाया गया। इस मौके पर छात्र छात्राओं को संविधान प्रस्तावना को पढ़ाया गया तथा उन्हें भारतीय संविधान की जानकारी भी इस मौके पर दी गई। इस दौरान प्रधानाचार्य धीरेंद्र सिंह ने संविधान के निर्माण एवं इसकी मुख्य विशेषताओं के बारे में बच्चों को बताया।

कार्यक्रम के दौरान लोक समिति संयोजक नन्दलाल मास्टर ने कहा कि आज का दिन भारतीय इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण है। 26 नवंबर की ऐतिहासिक तारीख को सन 1949 में भारत की संविधान समिति की तरफ से भारत के संविधान को स्वीकार किया गया था। लेकिन इसे 26 जनवरी 1950 को प्रभावी रूप से लागू किया जा सका।

एक भारतीय नागरिक होने के नाते आपको समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, संस्कृति एवं शिक्षा से संबंधित अधिकार मिले हुए है। यदि आप के किसी भी अधिकार का हनन होता है, तो आपको संवैधानिक उपचारों का भी अधिकार प्राप्त है। कार्यक्रम को सफल बनाने में सोनी, अनीता, सरोज, शिवकुमार, आशा, रामबचन धीरेंद्र प्रताप सिंह, रिभा सिंह, बिजेंद्र प्रताप सिंह, भूपेंद्र प्रताप सिंह, पुष्पेंद्र प्रताप सिंह, रिया सिंह, सुनीता पटेल, पूनम देवी और प्रदीप का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इस कार्यक्रम का संचालन दिहाड़ी मजदूर संयोजक रामबचन ने किया।


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