वाराणसी में गुटबाजी के कारण डूबी कांग्रेस की नाव, स्नातक चुनाव में चुनौती भी नहीं पेश कर सके समर्थित प्रत्याशी
कांग्रेस की गुटबाजी में पिछले कई चुनावों की तरह एमएलसी चुनाव में भी अपनी नाव डुबो दी। कांग्रेस के समर्थित प्रत्याशी स्नातक चुनाव में चुनौती भी नहीं पेश कर सके। खास यह कि नागेश्वर सिंह को मिले मतों ने एक गुट के निर्णय पर ही प्रश्न चिन्ह लगा दिया।
वाराणसी, जेएनएन। कांग्रेस की गुटबाजी में पिछले कई चुनावों की तरह एमएलसी चुनाव में भी अपनी नाव डुबो दी। कांग्रेस के समर्थित प्रत्याशी स्नातक चुनाव में चुनौती भी नहीं पेश कर सके। खास यह कि नागेश्वर सिंह को मिले मतों ने एक गुट के निर्णय पर ही प्रश्न चिन्ह लगा दिया। हालांकि, यह उत्साह भी वोट कटवा ही साबित हुआ। एमएलसी स्नातक चुनाव को लेकर हुए नामांकन के साथ ही कांग्रेस की गुटबाजी सतह पर आ गई थी। जहां, खजुरी गुट संजीव सिंह को समर्थन दे रहा था तो वहीं, लहुराबीर गुट नागेश्वर सिंह के साथ खड़ा था। हालात ऐसे बन गए कि मतदान से पहले ही कांग्रेस के अंदर ही खेमेबाजी ने जोर पकड़ लिया।
ऐसी विषम परिस्थिति में जमीन से जुड़े कांग्रेस नेताओं ने खुद को चुनावी मैदान से दूर रखना ही मुनासिब समझा। मतदान के दिन भी मतदान केंद्र पर चौकी पर मौजूदगी को लेकर भी कांग्रेस के अंदर ऊहापोह की स्थिति थी। कुछ ने चेहरा छिपाना बेहतर समझा तो कई ऐसे भी थे जिन्होंने गमछा ओढ़ कर चुनावी चौकी की जिम्मेदारी संभाली। कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी नागेश्वर सिंह की दूसरे समर्थित प्रत्याशी संजीव सिंह से बढ़त को लेकर सोच स्पष्ट थी। फिलहाल, संजीव सिंह के लिए यह चुनाव बिलकुल नया था। इसलिए उन्हें राजनीतिक तौर पर खोने के लिए कुछ खास नहीं रहा।
किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बने आलोक
प्रदेश किसान कांग्रेस की ओर से जिला किसान कांग्रेस अध्यक्ष आलोक कुमार पांडेय को बनाया गया है। इस नियुक्ति पर पूर्व सांसद डा. राजेश मिश्रा, प्रदेश सचिव मनिंद्र मिश्रा, महेंद्र पटेल, डा. मनोज सिंह, कमलेश सिंह, नीरज पांडेय, संजीव सिंह, जय प्रकाश तिवारी आदि ने बधाई दी। नव नियुक्त किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष आलोक कुमार पांडेय ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा पारित नई कृषि नीति के विरुद्ध किसान आंदोलन के साथ कांग्रेस खड़ी है।