आजमगढ़ में कांग्रेस नेता सर्किट हाउस में कैद, भारी फोर्स ने गेट पर संभाला मोर्चा
आजमगढ़ के तरवां थाना क्षेत्र के बांस गांव जाने की तैयारी में जुटे कांग्रेस नेता सर्किट हाउस से बाहर नहीं निकल पा रहे। प्रशासन ने सर्किट हाउस के गेट पर सुबह भी भारी फोर्स तैनात है।
आजमगढ़, जेएनएन। आजमगढ़ में जिला तथा पुलिस प्रशासन ने कांग्रेस विधायक तथा प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के साथ कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य पीएल पुनिया समेत 12-15 कांग्रेसी नेताओं को नजरबंद कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, पीएल पुनिया, बृजलाल खाबरी और आलोक प्रसाद को आज दलित प्रधान सत्यमेव जयते की हत्या के बाद उनके परिवारीजन से मुलाकात करने पहुंचे थे। फिलहाल सर्किट हाउस को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। इस बीच सर्किट हाउस में धरने पर बैठे कांग्रेस के बड़े नेताओं को एडीएम प्रशासन नरेंद्र सिंह एवं एसपी सिटी पंकज पांडेय वार्ता के लिए अंदर ले गए। इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सर्किट हाउस में घुसने की कोशिश की तो पुलिस से हुई धक्का मुक्की होने लगी। पुलिस के रोकने से नाराज कार्यकर्ता फिर से सर्किट हाउस के बाहर धरने पर बैठ नारेबाजी करने लगे हैं।
तरवां थाना क्षेत्र के बांस गांव जाने की तैयारी में जुटे कांग्रेस नेता सर्किट हाउस से बाहर नहीं निकल पा रहे। प्रशासन ने सर्किट हाउस के गेट पर सुबह भी भारी फोर्स तैनात कर दिया, जिसके किसी के अंदर एवं बाहर जाना मुश्किल हो गया। यहां तक की कांग्रेस के जिलाध्यक्ष प्रवीण कुमार सिंह को भी एंट्री नहीं मिल सकी है। हालांकि, कांग्रेस नेताओं से एडीएम प्रशासन एवं एएसपी की वार्ता चल रही, जिसके बाद ही प्रतिनिधिमंडल के वहां जाने को लेकर स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
बांस गांव के ग्राम सत्यमेव जयते की बीते दिनों गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसके बाद मचे बवाल में एक एक बालक की कुचलकर मौत हो गई थी। दो मौतों के बाद बवाल मचा तो कई गाड़ियां फूंक दी गई, ईंट-पत्थर चल गए थे। उसी मामले में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, राज्य सभा सदस्य पीएल पूनिया, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बुजलाल खाबरी (अनुसूचित प्रकोष्ठ) प्रदीप नरवाल कोआर्डिनेटर उत्तर प्रदेश, आलोक प्रसाद प्रदेश अध्यक्ष (अनुसूचित प्रकोष्ठ), आरके चौधरी पूर्व मंत्री एवं महाराष्ट्र प्रांत के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत एक प्रतिनिधिमंडल के रूप में पीड़ितों के गांव एवं घर जाकर उन्हें शांत्वना देना चाहते थे। इसी को लेकर प्रशासन से उनकी ठन गई है। पहले से अलर्ट एडीएम प्रशासन नरेंद्र सिंह ने बुधवार देर रात एक आदेश जारी कर वहां जाने पर पाबंदी लगा दी। इसके पीछे प्रशासन ने शान्ति व्यवस्था के बिगड़ने के हवाला दिया है। मजिस्ट्रेट, पुलिस एवं अभिसूचना इकाई की रिपोर्ट को आधार बनाते हुए प्रशासन ने अपनी बात रखी थी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के एक दिन पूर्व ही आजमगढ़ पहुंच आने से भी प्रशासन के माथे पर बल पड़ गया है। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष प्रवीण सिंह ने बताया कि हमने पहले से ही सर्किट हाउस बुक कर लिया था, जिसे प्रशासन ने पहले कैंसिल कर दिया फिर बाद में अनुमति दे दी गई। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे, इसे में शान्ति व्यवस्था बिगड़ने के सवाल कहां उठता है। हमसे कहा का रहा कि अनुमति नहीं ली। किसी के घर जाने के लिए कब से अनुमति की जरूरत पड़ने लगी। इन्होंने कहा कि हमलोग अपने नेताओं के साथ पीड़ित परिवार से मिलने जायेंगे, उधर महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत मुंबई से चलकर वहां पहुंचेंगे। सरकार हमे किसी से मिलने से कैसे रोक सकती है। सुबह आठ बजे सर्किट हाउस से निकलना था, लेकिन प्रशासन ने सर्किट हाउस के गेट पर फोर्स लगाकर हमें विरोध करने पर विवश कर रहा है। जबकि प्रशासनिक अधिकारियों को मैं पहले ही बता चुका हूं कि हम पीड़ित परिवार को सांत्वना देने जा रहे, राजनीति नहीं करनी है।