पूर्वांचल विश्वविद्यालय की यूजी-पीजी की परीक्षा को लेकर असमंजस, नहीं जारी की गई समय सारिणी
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की स्थगित यूजी-पीजी की मुख्य परीक्षा को लेकर अब भी असमंजस बना हुआ है।
जौनपुर, जेएनएन। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की स्थगित यूजी-पीजी की मुख्य परीक्षा को लेकर अब भी असमंजस बना हुआ है। जिस वजह से विश्वविद्यालय ने परीक्षा समय सारिणी नहीं जारी की है। अब शासन से गाइड लाइन जारी होने के बाद ही कोई ठोस कदम उठाया जाएगा। वैश्विक महामारी में लखनऊ विश्वविद्यालय ने परीक्षा तिथि घोषित कर दिया था जिसका वहां विरोध चल रहा है।
पूर्वांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध पांच जिलों जौनपुर, आजमगढ़, गाजीपुर, मऊ व प्रयागराज में कुल 853 महाविद्यालय हैं। इसमें से 813 कालेजों को विश्वविद्यालय ने केंद्र बनाने की तैयारी की है। इसमें से 40 कालेज ऐसे हैं जिनमें छात्रों की संख्या 50 से कम है। जिस कारण उनके छात्रों को नजदीक के परीक्षा केंद्र से जोड़ दिया जाएगा। विश्वविद्यालय की 70 फीसद परीक्षाएं अभी बाकी हैं। पहले परीक्षा के लिए चार जिलों में 698 केंद्र बनाए गए थे, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण परीक्षा स्थगित कर दी गई। अब शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए परीक्षा कराने के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ा दी गई है। ऐसे में 813 कालेजों को परीक्षा केंद्र बनाने की तैयारी करीब पूरी हो चुकी है। जिस पर कुलपति प्रो.डा.राजाराम यादव की मुहर लगना बाकी है। स्थगित परीक्षाएं तीन पालियों में सुबह सात से 10 बजे, 11 से एक बजे व दो से पांच बजे तक होंगी। अभी समय सारिणी घोषित नहीं की गई है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार 30 जून तक शासन से कोई गाइड लाइन जारी होने के बाद विषयवार परीक्षा तिथि घोषित की जाएगी।
प्रभारी कुलसचिव/परीक्षा नियंत्रक बीएन सिंह का कहना है कि 10 जुलाई से यूजी-पीजी की परीक्षा प्रस्तावित है। इस पर शासन से नई गाइड लाइन आने के बाद ही अंतिम फैसला लिया जाएगा। परीक्षा तिथि में परिवर्तन भी हो सकता है।
अब महाविद्यालयों के शिक्षकों की भी होगी जांच
शासन द्वारा प्रदेश के सभी स्तर के शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच का निर्णय लिया गया है। ऐसे में उच्च शिक्षा के तहत पूर्वांचल विश्वविद्यालय, राजकीय महाविद्यालय, अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में तैनात शिक्षकों के नियुक्तियों की जांच की जाएगी। इसमें उनके शैक्षणिक अभिलेखों के सत्यापन, शिक्षकों के भौतिक सत्यापन के लिए जनपदवार समिति गठित की जाएगी। इस जांच में यह भी देखा जाएगा कि कोई शिक्षक अन्य किसी शिक्षक के स्थान व नाम पर तो कार्यरत नहीं है। इसकी ज