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कंपनी और सर्विस सेंटर को देनी पड़ी मोबाइल की कीमत व आर्थिक क्षति, वाराणसी जिला उपभोक्ता फोरम

वारंटी अवधि में मोबाइल में समस्या आने और बाद में उसे ठीक करने के नाम पर उपभोक्ता को परेशान करने को लेकर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग (जिला उपभोक्ता फोरम) ने मोबाइल कंपनी और उसके सॢवस सेंटर के खिलाफ निर्णय सुनाया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 28 Dec 2020 08:30 AM (IST)Updated: Mon, 28 Dec 2020 08:30 AM (IST)
कंपनी और सर्विस सेंटर को देनी पड़ी मोबाइल की कीमत व आर्थिक क्षति, वाराणसी जिला उपभोक्ता फोरम
उपभोक्ता को मोबाइल कीमत और आर्थिक क्षतिपूर्ति देने का आदेश वाराणसी जिला उपभोक्‍ता फोरम ने दिया।

वाराणसी, जेएनएन। वारंटी अवधि में मोबाइल में समस्या आने और बाद में उसे ठीक करने के नाम पर उपभोक्ता को परेशान करने को लेकर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग (जिला उपभोक्ता फोरम) ने मोबाइल कंपनी और उसके सर्विस सेंटर के खिलाफ निर्णय सुनाया है। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार सिंह ने मोबाइल कंपनी, सर्विस सेंटर व मोबाइल डिलीवरी करने वाली कंपनी को आदेश दिया है कि उपभोक्ता को मोबाइल कीमत और आर्थिक क्षतिपूर्ति दें। आयोग ने मोबाइल का 7,999 रुपये और परिवाद दाखिल करने की तिथि से इसके भुगतान होने की तारीख तक सात फीसद वाॢषक ब्याज की दर से देने को कहा है। इसके अतिरिक्त उपभोक्ता को मानसिक, शारीरिक व आॢथक क्षति के लिए बतौर क्षतिपूॢत दो हजार रुपये व वाद व्यय का दो हजार रुपये भी अदा करने का आदेश दिया है।

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 प्रकरण के मुताबिक चौक थाना क्षेत्र के ब्रह्मनाल मोहल्ला निवासी गोपाल गुप्ता ने स्मार्टान कंपनी का एक हैंडसेट मंगाने हेतु आनलाइन बुकिंग की थी जिसकी कीमत 7,999 रुपये थी। गोपाल गुप्ता ने 19 फरवरी 2018 को सील्ड पैकेट में मोबाइल हैंडसेट प्राप्त होने पर उसका भुगतान कर दिया। हैंडसेट की एक वर्ष की वारंटी थी। लगभग दो माह में ही उसके टच स्क्रीन ने काम करना बंद कर दिया। कस्टमर केयर पर बात करने पर गोपाल को यह बताया गया कि कंपनी के अधिकृत सॢवस सेंटर में जाकर मोबाइल में आई त्रुटियों को दूर कराया जा सकता है।

 कस्टमर केयर द्वारा बताए गए सॢवस सेंटर पर नौ अप्रैल 2018 को वे वहां गए और मोबाइल में आई त्रुटियों से अवगत कराया। उसी दिन सॢवस सेंटर ने मोबाइल को जमा कर उसके सभी आवश्यक डिटेल को अपने जाबशीट पर अंकित किया गया। इसके बाद कई दफा गोपाल मोबाइल लेने के लिए सॢवस सेंटर पर भागदौड़ किए लेकिन उन्हें नहीं मिला। कभी कंपनी से उसके पाट्र्स न आने का बहाना बनाकर टाल-मटोल कर देते तो कभी कोई सकारात्मक जवाब उन्हें नहीं देते। छह माह से अधिक बीत जाने के बाद भी उनका मोबाइल ठीक नहीं हुआ।

इससे परेशान होकर उन्होंने अधिवक्ता दिनेश कुमार उपाध्याय के मार्फत मोबाइल कंपनी, सॢवस सेंटर और मोबाइल डिलीवरी करने वाली कंपनी के खिलाफ जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में मुकदमा दायर किया। अपने आरोप के समर्थन में सेल इनवाइस बिल, मोबाइल के डिब्बे और जाबशीट की छायाप्रति प्रस्तुत की। फोरम द्वारा भेजी गई नोटिस मोबाइल कंपनी व सविंस सेंटर को प्राप्त होने के बाद उनकी ओर से न तो कोई उपस्थित हुआ और न ही जवाब दिया गया। मिष्ठान कारोबारी गोपाल गुप्ता ने आयोग के फैसले पर संतोष जताते हुए कहा कि ऐसे फैसलों से उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। सुविधा के लिए आनलाइन मार्केटिंग का चलन तो बढ़ रहा है लेकिन उपभोक्ताओं की परेशानी भी बढ़ रही है। व्यवसाय बाधित कर कई दफा सॢवस सेंटर जाना पड़ा। उसके बाद फोरम का चक्कर लगाना पड़ा। समय के साथ-साथ पैसे भी खर्च हुए। ऐसे फैसले से कंपनी और सविंस सेंटरों की मनमानी पर अंकुश लगेगी।


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