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बजरंग बली की मूर्ति मिलने के बाद मंदिर निर्माण काे लेकर जौनपुर में दो वर्ग आमने-सामने

खुटहन थाना क्षेत्र के संजरपुर गांव में एक दिन पहले जमीन में मिली बजरंग बली की मूर्ति वाले स्थान पर मंदिर बनाने काे लेकर हिंदू-मुस्लिम आमने-सामने हाे गए हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 14 Oct 2018 05:05 PM (IST)Updated: Sun, 14 Oct 2018 07:06 PM (IST)
बजरंग बली की मूर्ति मिलने के बाद मंदिर निर्माण काे लेकर जौनपुर में दो वर्ग आमने-सामने
बजरंग बली की मूर्ति मिलने के बाद मंदिर निर्माण काे लेकर जौनपुर में दो वर्ग आमने-सामने

जाैनपुर (जेएनएन) । खुटहन थाना क्षेत्र के संजरपुर गांव में एक दिन पहले भूमि में मिली बजरंग बली की मूर्ति वाले स्थान पर मंदिर बनाने काे लेकर गांव के हिंदू आैर मुस्लिम आमने-सामने हाे गए हैं। सरकारी भूमि हाेने के कारण प्रशासन शिकायत मिलने पर एेसा नहीं हाेने दे रहा है। इसे लेकर दूसरे दिन भी गांव छावनी में तब्दील हाे गई है। दिनभर समझाने-बुझाने का प्रशासन ने किया, किंतु अभी पूरी तरह से बात नहीं बन पाई है, हालांकि मूर्ति काे खुटहन थाने पर विवाद हल हाेने तक के लिए रखवा दिया गया है, जबकि गांव में अभी भी तनाव है।

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गांव में कुश (कास) के बीच भूमि में एक दिन पहले उभरा हुआ पत्थर मिला। ग्रामीणाें ने उत्सुकता वश उसे खाेदा ताे वह बजरंग बली की मूर्ति मिली। इसके बाद ग्रामीणों ने जयकारे के साथ उसी स्थान पर मंदिर बनवाने का एलान कर दिया। इसकी जानकारी हाेने पर गांव के मंसूर अली ने थाने पर शिकायत किया। आराेप लगाया कि मूर्ति मिलने वाला स्थान सरकारी खाते की भूमि है। इसके चलते यहां मंदिर निर्माण नहीं हाे सकता। जिसे गंभीरता से लेते हुए उप जिलाधिकारी  राकेश वर्मा शाहगंज देर शाम पुलिस फोर्स के साथ गांव में पहुंचे आैर मूर्ति उखड़वाकर बगल पीपल के पेड़ के पास रखवा दिया था। इसे लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने रविवार को पुनः उसी स्थान पर मूर्ति लाकर रखकर पूजन अर्चन शुरू कर दिया। इधर दूसरे पक्ष ने इसकी शिकायत किया ताे पुलिस पुलिस पहुंच गई। जिनके सामने महिलाओं ने मोर्चा संभाल लिया।

तनाव की जानकारी हाेने पर एसडीएम, सीओ अजय कुमार श्रीवास्तव, काेतवाली शाहगंज, थाना खुटहन, सरायख्वाजा आैर सरपतहां थाने की फाेर्स के साथ दाेपहर में पहुंचे। दाेनाें पक्षाें काे शाम चार बजे तक समझाने-बुझाने का प्रयास किया। प्रशासन ने भूमि विवादित हाे जाने के कारण गांव में ही दूसरे स्थान काे चिन्हि्त कर वहां मूर्ति रखवाने आैर ग्रामीणाें काे मंदिर निर्माण की अनुमति देने की बात कहीं। इसपर आंतरिक रुप से हिंदू पक्ष के लाेग तैयार नहीं हुए, हालांकि एक पक्ष का यह भी आराेप है कि मूर्ति रखने के लिए गांव में दूसरा स्थान प्रशासन द्वारा ही चिन्हि्त किया गया आैर वहां मूर्ति रखने की बात कहकर ली गई, लेकिन उसे गुपचुप सीआे की गाड़ी में रखकर थाने पर भेज दिया गया।


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