Bihar के प्रवासियों को वाराणसी मंडल नहीं भेजने के लिए कमिश्नर ने प्रदेश सरकार को लिखा पत्र
कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने शासन को पत्र लिख कर बिहार के लोगों को वाराणसी मंडल में न भेजने का आग्रह किया है।
वाराणसी, जेएनएन। बिहार के लोगों को बीते सप्ताह में उनके घर भेजने की प्रक्रिया चल रही थी। वहां की सरकार ने बार्डर में प्रवेश की अनुमति दी थी और अचानक ही बंद कर दी। ऊपर से प्रदेश के ही अन्य जनपदों से बिहार बार्डर तक वहां के प्रवासियों को भेजा जा रहा है। उन्हें यहां से आगे नहीं भेजना संभव नहीं था। इसे कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने गंभीरता से लेते हुए शासन को पत्र लिख कर बिहार के लोगों को वाराणसी मंडल में न भेजने का आग्रह किया है।
कमिश्नर ने बताया कि बिहार सरकार से बिना किसी अनुमति के नौ मई को चार बसों से बागपत जनपद के 117 प्रवासी गाजीपुर पहुंचे। सभी श्रमिक जो मूल रूप से बिहार के पूर्वी चंपारन और मोतिहारी जनपद के निवासी थे। वह किसी प्रकार से भी गाजीपुर के समीपवर्ती नहीं हैं। बिहार सरकार ने श्रमिकों को भेजने के संबंध में कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुआ था। ऐसी परिस्थिति में प्रवासी बिहार के समीपवर्ती जिले गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी के लिए समस्या उत्पन्न हो रहे हैं। बिहारी प्रवासियों को एक स्थान से लाकर दूसरे स्थान पर क्वारंटीन करना पड़ रहा है। यह पूरी तरह अव्यवहारिक भी है। इस कारण बिहार के प्रवासियों को यहां भेजने की बजाय उन्हीं जनपदों में रखा जाय जहां पर वे रह रहे हैं। कमिश्नर ने इस शासन से इसे तत्काल अमल में लाने का आग्रह किया ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न होने पाए। बता दें कि सोमवार को करीब 900 बिहार के प्रवासी श्रमिकों को वाराणसी से जाना था लेकिन रविवार की देर रात 11 बजे बिहार सरकार ने रोक लगा दी। इससे अव्यवस्था उत्पन्न हो गई जिसके लिए प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी।