Move to Jagran APP

वाराणसी में कर चोरी पर वाणिज्य कर विभाग ने पशु आहार बनाने वाली फर्म से 10 लाख जमा कराया

वाणिज्य कर विभाग के अनुसंधान शाखा ने कर चोरी के मामले में पशु आहार बनाने वाली फर्म से 10 लाख रुपये टैक्स जमा कराया है। विभाग की टीम ने मंगलवार को रामनगर स्थित कंपनी की फर्म पर छापेमारी की थी विभाग में दस्तावेज के जांच की कार्रवाई अभी जारी है।

By Abhishek sharmaEdited By: Published: Wed, 24 Feb 2021 12:44 PM (IST)Updated: Wed, 24 Feb 2021 12:48 PM (IST)
वाराणसी में कर चोरी पर वाणिज्य कर विभाग ने पशु आहार बनाने वाली फर्म से 10 लाख जमा कराया
कर चोरी के मामले में पशु आहार बनाने वाली फर्म से 10 लाख रुपये टैक्स जमा कराया है।

वाराणसी, जेएनएन। वाणिज्य कर विभाग के विशेष अनुसंधान शाखा ने कर चोरी के मामले में पशु आहार बनाने वाली फर्म से 10 लाख रुपये टैक्स जमा कराया है। विभाग की टीम ने मंगलवार को रामनगर स्थित कंपनी की फर्म पर छापेमारी की थी, विभाग में दस्तावेज के जांच की कार्रवाई अभी जारी है। 

loksabha election banner

वहीं इससे पूर्व कर चोरी को रोकने के लिए वाणिज्य कर विभाग के विशेष अनुसंधान शाखा (एसआइबी) की टीम ने रामनगर औद्योगिक क्षेत्र में पशु आहार बनाने वाली कंपनी में मंगलवार को छापेमारी की थी। देर रात तक अन्य कागजी  कार्रवाई का लंबा दौर चला। एसआइबी की कार्रवाई से कर चोरी करने वाले अन्य कारोबारियों में भी खलबली मची रही। वाणिज्य कर विभाग, एसआइबी के अपर आयुक्त (जोन वन-ग्रेड टू) मिथिलेश कुमार शुक्ला के निर्देशन में टीम दोपहर बाद रामनगर औद्योगिक क्षेत्र पहुंची थी। सूचना के बाद एक पशु आहार बनाने वाली कंपनी में छापेमारी की गई। टीम ने कंपनी के सारे स्टाक, रजिस्टर और कंप्यूटर आदि की जांच की। रात तक तक यह कार्रवाई चलती रही। टीम में एसआइबी के संयुक्त आयुक्त अनिल कुमार, दीनानाथ, उप आयुक्त मनोज कुमार मौर्या, मदन लाल सहित 18 अधिकारी शामिल थे।

आयकर चोरी में दो व्यवसायी को जेल

करोड़ों रुपए के आयकर चोरी के मामले में मंगलवार को विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने नगर के दो व्यवसायियों कमल कुमार अग्रवाल व अजय कुमार अग्रवाल को जमानत देने से इंकार करते हुए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। भेलूपुर थानांतर्गत जवाहर नगर एक्सटेंशन क्षेत्र कमल कुमार अग्रवाल और अजय कुमार अग्रवाल ने अदालत में समर्पण कर जमानत देने की अदालत से अपील की थी। दोनों व्यवसायियों की जमानत का विरोध विशेष लोक अभियोजक नियाज अहमद खां ने किया।

अभियोजन कथानक के मुताबिक 17 नवंबर 2017 को आयकर विभाग ने इको ग्रुप के विभिन्न प्रतिष्ठानों और उसके निदेशकों के आवास पर छापेमारी की थी। कमल कुमार अग्रवाल के कंपनी व फैक्टरी में सर्च और सीजर एक्शन के दौरान यह तथ्य प्रकाश में आया कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में कंपनी को 1,80,82,45,228 रुपये (एक अरब, अस्सी करोड़, बयासी लाख, पैंतालीस हजार दो सौ अट्ठाइस रुपए) शुद्ध लाभ का एकाउंट में प्रदर्शित है। जबकि ऑडिट रिपोर्ट में नेट प्राफिट 30,06,733.64 (तीस लाख,छह हजार,सात सौ तैंतीस रुपए चौसठ पैसे) दिखाया गया। कमल कुमार अग्रवाल द्वारा अपने आडिट प्राफिट एंड लॉस एकाउंट में वास्तविक आय को छिपाया गया। इसी तरह अजय कुमार अग्रवाल पर भी 14 करोड,11लाख,91हजार 814 रुपए की आयकर चोरी का आरोप है। आयकर विभाग ने वर्ष 2019 में दोनों व्यवसायियों के खिलाफ अदालत में आयकर चोरी का परिवाद दाखिल कर दिया।

जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान व्यवसायियों की ओर से अंडरटेकिंग दी गई कि वह अपने अपराध को आयकर विभाग से कम्पाउण्ड कराना चाहता है। अदालत ने अभियोजन और बचाव पक्ष की बहस सुनने तथा पत्रावलियों के अवलोकन के पश्चात् अपने फैसले में कहा कि कर अपवंचन की राशि करोड़ों में है अतः इससे भारत सरकार को राजस्व की गंभीर रुप से क्षति कारित की गई है। उक्त अपराध आर्थिक अपराध के जघन्यतम अपराध की श्रेणी में आयेगा। मामले के समस्त तथ्यों व परिस्थितियों में आरोपित की जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने योग्य है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.