बीएचयू में शुरु हो गया आइसक्रीम का कामर्शियल उत्पादन, क्या आपने लिया इसका स्वाद!
आपने तमाम ब्रांडेड कंपनियों के आइसक्रीम का स्वाद जरूर लिया होगा लेकिन क्या आपने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में तैयार आइसक्रीम का रसास्वादन लिया है।
वाराणसी [मुहम्मद रईस]। आपने तमाम ब्रांडेड कंपनियों के आइसक्रीम का स्वाद जरूर लिया होगा लेकिन क्या आपने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में तैयार आइसक्रीम का रसास्वादन लिया है। लंबे समय से चल रही कवायद के बीच डेयरी विभाग, बीएचयू ने आइसक्रीम का कामर्शियल उत्पादन शुरू कर दिया है। कोई भी व्यक्ति यहां से बाजार कीमत पर ही शुद्ध दूध से बनी उच्च गुणवत्ता वाली आइसक्रीम कभी भी खरीद सकता है।
डेयरी व पशुपालन विभाग में कुछ वर्ष पहले ही आइसीएआर (इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च) के फंड से एक्सपीरिएंशल लर्निंग यूनिट (ईएल) की स्थापना की गई थी। इसका मकसद कृषि के छात्रों को डेयरी से संबंधित उद्योगों की व्यवहारिक जानकारी देकर उद्यमी बनने के लिए प्रेरित करना था। विभागाध्यक्ष प्रो. दिनेश चंद्र राय ने बताया कि प्रयोगिक तौर पर इसे बनाने के बाद कामर्शियल उत्पादन का विचार आया। 16 अप्रैल से आइसक्रीम बनाकर बेची जा रही है। इसके लिए विभाग की डेयरी से ही गाय का दूध उपयोग में लिया जा रहा है। यह प्रयोग छात्र-छात्राओं में रोजगार की संभावनाओं और बाजार की समझ विकसित करने के लिए किया गया है। इससे न सिर्फ उनमें डेयरी आधारित लघु उद्योग स्थापित करने को प्रेरित किया जा सकेगा, बल्कि इसकी मुकम्मल एवं व्यवहारिक जानकारी भी दी जा सकेगी।
दो फ्लेवर में है उपलब्ध : विभाग में फिलहाल वनीला और मैंगो फ्लेवर में ही आइसक्रीम उत्पादन शुरू हुआ है। 100 एमएल, 375 एमएल, 500 एमएल व 750 एमएल में उपलब्ध आइसक्रीम की कीमत क्रमश: 15, 50, 65 व 95 रुपये निर्धारित है। अब तक कई हजार रुपये की बिक्री हो चुकी है। विभागाध्यक्ष प्रो. डीसी राय के निर्देशन में सलोनी, आनंद कुमार सिंह, चंद्रदेव मुर्मू, विकास पटेल सहित तकनीकी सहायक हिमांशु राय की टीम उत्पादन कर रही है।
गुणवत्ता और शुद्धता का भरोसा : प्रो. राय के अनुसार डेयरी से शुद्ध दूध लेने की वजह से इसकी गुणवत्ता बाजार के मुकाबले उच्च है। वहीं यूनिट में आधुनिक प्रक्रिया का प्रयोग करते हुए इसकी पौष्टिकता और शुद्धता का पूरा-पूरा ख्याल रखा गया है।
इस तरह मिलता है प्रशिक्षण : ईएल यूनिट में आइसक्रीम बनाने के साथ ही खोआ मेकिंग मशीन, बाटल फीलिंग एंड सीलिंग मशीन, न्यूमेटिक पनीर मशीन, पाउच फीलिंग मशीन, वैक्यूम पैकिंग मशीन, दही इन्क्यूबेटर व कूलिंग टावर भी है। पढ़ाई के साथ इन मशीनों के माध्यम से छात्र-छात्राओं को कम लागत में डेयरी से संबंधित उद्योग स्थापित करने का प्रशिक्षण दिया जाता है।