बोले विशेषज्ञ, डिजिटल तकनीक से वाणिज्यिक गतिविधियों को मिलेगी रफ्तार Varanasi news
विशेषज्ञों ने विमुद्रीकरण से बाजार पर पड़ने वाले असर के बारे में कारोबारियों को जानकारी दी।
वाराणसी, जेएनएन। विशेषज्ञों ने विमुद्रीकरण से बाजार पर पड़ने वाले असर के बारे में कारोबारियों को जानकारी दी। बताया कि डिजिटल युग में बाजार तरक्की की राह पर है। हमें तकनीकी में बदलावों को समझना होगा। इण्डो अमेरिकन चैम्बर ऑफ कामर्स, वाराणसी और पीएचडी चैम्बर ऑफ कामर्स केएएस, नई दिल्ली ने संयुक्त रूप से कार्यशाला का आयोजन किया था। प्रोफेसर सुजीत सेनगुप्ता ने कहा कि वाणिज्य-व्यापार के क्षेत्र में पहचान बनाने को डिजिटल तकनीक के बारे में जानना होगा।
नित ऐसी तकनीक सामने आ रहीं हैं जिसका व्यापार पर असर पड़ रहा है। रोबोटिक तकनीक पर कहा कि यह मशीनीकरण का युग है। इससे कम समय में ज्यादा लक्ष्य अर्जित किया जा सकता है। आशंका रहती है कि कृत्रिम बुद्धि से संपन्न रोबोट रोजगार को खत्म कर देंगे। सच्चाई है कि कृत्रिम बुद्धि के सहयोग से व्यापार में नए मूल्यों का निर्माण होगा। उन आधुनिक तकनीकों का विवरण भी प्रस्तुत किए जो वर्तमान वाणिज्यिक गतिविधियों को असर डाल रहीं है। कहा कि जरूरी नहीं कि तकनीकि वाणिज्य और समाज के मूलभूत व्यवहार को पूर्णतया बदल दे, लेकिन कुछ ने नवीन कार्य पद्धति तथा मूल्यों को स्थापित किया है।
प्रतिभागियों ने अपनी जिज्ञासाओं को शांत किया। सौरभ साह, आरके कोठारी, खाकसार आलम ने मुख्य अतिथि को सृतिचिह्न देकर सम्मानित किया। साहिल गर्ग ने मुख्य वक्ता का परिचय प्रस्तुत किया। सुब्रतो पाल, राज अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया। पद्मश्री डा. रजनीकान्त, सारिका श्रीवास्तव, वीके वर्मा, अनुपम रघुवंशी, प्रवीन प्रसून, अहसान खान, मुकुल शाह, अरूण अग्रवाल, आरके गोयल, सुदेशना बसु, विनय कुमार, जयप्रकाश मुंदडा, संजीव कपूर, अमीत अग्रवाल, प्रेम चन्द्र त्रिपाठी , शोहेल अंसारी, रविन्द्र मौर्या मौजूद रहे। इण्डो अमेरिकन चैम्बर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष विनय शुक्ला ने मुख्य वक्ता एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया।