एफडीआइ के विरोध में कोल श्रमिक हड़ताल पर डटे, 23 सितंबर से पांच दिवसीय हड़ताल का आह्वान
23 सितंबर से भारतीय मजदूर संघ द्वारा प्रस्तावित पांच दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के मद्देनजर गत कई दिनों से व्यापक जनसंपर्क व आम सभाओं का आयोजन जारी है।
सोनभद्र, जेएनएन। कोयला उद्योग में 23 सितंबर से भारतीय मजदूर संघ द्वारा प्रस्तावित पांच दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के मद्देनजर गत कई दिनों से व्यापक जनसंपर्क व आम सभाओं का आयोजन जारी है। शनिवार को बीएमएस के पदाधिकारियों ने कई कोल परियोजनाओं में गेट मीटिंग आयोजित कर हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान किया।
एनसीएल प्रभारी मुन्नीलाल, महामंत्री अरुण कुमार दुबे, फेडरेशन सदस्य बेचूलाल, प्रेमलाल के साथ सभी परियोजनाओं में जनसंपर्क कर हड़ताल की रणनीति बनाई। सभी निजी ट्रांसपोर्टर, आउट सोर्सिंग कर्मी व संविदाकारों से संपर्क कर हड़ताल के समर्थन में सहयोग मांगा गया। परियोजनाओं में सभी सेक्शनों में भी पदाधिकारी हड़ताल को लेकर कोल श्रमिकों को जागरूक किया। उन्होंने कहा कि एफडीआइ से कोल इंडिया का अस्तित्व ही मिटने वाला है। इस लिए अधिकारी-कर्मचारी, संविदा श्रमिक सभी का दायित्त्व बनता है कि हड़ताल को प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग कर इसे सफल बनाएं।
खडिय़ा में ओमकार यादव, खुशहाल सिंह, अशोक उपाध्याय, कृष्णशिला में दद्दी प्रसाद, नवीन कुमार बीना में सीपी सिंह, मनोज सिंह, ककरी में एनके सिंह, एलबी सिंह, आरपी गुप्ता, केशव पांडेय, सत्येंद्र सिंह, पीके सिंह आदि के नेतृत्त्व में नारेबाजी कर विरोध-प्रदर्शन जताया। शाम को जयंत परियोजना में एक आम सभा का आयोजन किया गया, जिसमें पूरे एनसीएल के सैकड़ों कोल श्रमिकों ने भाग लिया।
आम सभा को वाईएन सिंह बघेल, मुन्नीलाल, पीके सिंह, अरुण दुबे संबोधित करते हुए सरकार से तत्काल एफडीआइ को वापस लेने का आग्रह किया। प्रबंधन द्वारा हड़ताल के संबंध में सभी परियोजना में बीएमएस को वार्ता के लिए आमंत्रित किया गया। लेकिन पदाधिकारियों ने वार्ता में शामिल होने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि जब कोयला मंत्री की वार्ता को संगठन द्वारा बहिष्कार किया जा चुका है तो स्थानीय प्रबंधन एफडीआइ मुद्दे पर क्या निर्णय ले सकता है।
चार संगठनों की एक दिवसीय हड़ताल
एनसीएल में 24 सितंबर को एफडीआइ के विरोध में एटक, इंटक, सीटू, एचएमएस ने भी एक दिवसीय हड़ताल करने का निर्णय लिया है। संगठन के पदाधिकारियों द्वारा आम सभा व जनसंपर्क कर हड़ताल को धार देने में पूर्ण मनोवेग से जुड़े हुए हैं। श्रमिक संगठनों द्वारा हड़ताल किए जाने को देखते हुए प्रबंधन सकते में है। प्रबंधन द्वारा हड़ताल से निपटने के लिए हर संभव तैयारी की जा रही है।