निर्भया के गांव में बेतुका बयान मामले में सीएमओ की जांच शुरू, डीएम ने दिए निर्देश
निर्भया कांड पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के बेतुका बयान को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी हरि प्रताप शाही ने जांच का आदेश दिया है।
बलिया, जेएनएन। पूरे देश को झकझोर देने वाली निर्भया कांड पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के बयान की चहुंओर निंदा हो रही है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी हरि प्रताप शाही ने जांच का आदेश दिया है। निर्भया के गांव में उसके परिजन व गांव की जनता वहां निर्भया के नाम से बने स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक की तैनाती की मांग को लेकर अनशन पर बैठे हैं। अनशनकारियों से वार्ता करने मंगलवार को पहुंचे मुख्य चिकित्साधिकारी ने वार्ता के दौरान कुछ बेतुकी बातें कहीं। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस वीडियो में सीएमओ गांव के ही अवकाशप्राप्त प्रधानाध्यापक अश्वनी पांडेय के साथ वार्ता करते हुए दिखाई दे रहे हैं। सीएमओ कह रहे हैं कि आखिर निर्भया को दिल्ली क्यों भेज दिए। उनका यह भी कहना है कि निर्भया के गांव में किसी ने भी डॉक्टर की पढ़ाई तो की नहीं और यहां के लोगों को डॉक्टर चाहिए।
सीएमओ ने अश्वनी पाण्डेय से कहा कि पहले यहां के लोगों को डॉक्टर की पढ़ाई कराएं, फिर इसी अस्पताल में तैनात कराएं। इस गांव ने डॉक्टर तो बनाया नहीं तो अस्पताल क्यों खुलवाया। हम कहां से डॉक्टर लाएं, जितने पद हैं उतने डॉक्टर हैं नहीं। सीएमओ ने कहा कि जनपद में चिकित्सक के 204 पद हैं जबकि मात्र सत्तर डॉक्टर ही तैनात हैं। निर्भया के नाम पर उसके गांव में अस्पताल शासन की तरफ से बनाया गया था। इसके बाद इस अस्पताल में चिकित्सक की तैनाती नहीं हुई। इधर निर्भया के दादा ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर निर्भया को लेकर बदसलूकी करने का आरोप लगाया है। इसे गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी हरि प्रताप शाही ने बताया कि उनको मीडिया के जरिए इस मामले की जानकारी हुई है। उन्होंने इसकी जांच के आदेश दिए हैं। जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।