वाराणसी में क्लब ने दिया मौका तो ग्लैमर की दुनिया में छा गए, बढ़ा आत्मविश्वास तो निखरी प्रतिभा
हरितालिका तीज की पूर्व संध्या पर धरेलू कामकाज करने वाली महिलाओं की लालसाओं को साकार करने के लिए इनरव्हील क्लब स्वर्णमंजरी की ओर से बिरदोपुर स्थित कैलाश मठ में एक आयोजन किया गया। मौका मिला तो इन्हीं महिलाओं ने ग्लैमर की दुनिया के माडलों को पीछे छोड़ दिया।
वाराणसी [सौरभ चंद्र पांडेय]। डिजाइनजर और बोल्ड परिधानों में माडलों के रैम्प वाक का आयोजन तो आपने खूब देखा होगा। लेकिन जरा कल्पना कीजिए कि धरेलू कामकाजी महिला जब भारतीय परिधानों में सजधज कर जब रैम्प वाक करे तो उस समय उसे कैसा महसूस होगा। वह भी तब जब कभी उसने किसी मंच का मुंह न देखा हो। हालांकि उसके मन में इसकी लालसा जरूर रहती है लेकिन कई विवशताओं के कारण उसे अपने को मनाना पड़ता है। हरितालिका तीज की पूर्व संध्या पर धरेलू कामकाज करने वाली महिलाओं की लालसाओं को साकार करने के लिए इनरव्हील क्लब स्वर्णमंजरी की ओर से बिरदोपुर स्थित कैलाश मठ में एक आयोजन किया गया। मौका मिला तो इन्हीं महिलाओं ने ग्लैमर की दुनिया के माडलों को पीछे छोड़ दिया।
क्लब के सदस्यों की सोच से मिला मंच : क्लब की संयुक्त सचिव श्रद्धा त्रिपाठी ने बताया कि एक दिन मेरे घर में मेठ काम रही थी। अचनाक मेरे मन में ख्याल आया कि इन्हें कभी भी स्वतंत्रता नहीं मिलती होगी। चाह कर भी यह उछल-कूद नहीं कर सकती हैं। फिर इस बात को उन्होंने क्लब की बैठक में रखा। वहीं तय हुआ कि हरितालिका तीज की पूर्व संध्या पर इन महिलाओं को रैम्प वाक कराया जाएगा।
पहले झिझकीं, फिर हुईं तैयार : संयुक्त सचिव श्रद्धा त्रिपाठी ने बताया कि इन महिलाओं के पास जब हमने रैम्प वाक का विचार रखा तो पहले वह झिझकीं, फिर बाद में वह तैयार हो गईं। उनको मोटिवेट करने के लिए कहा कि बस आप यह समझो कि तीज के लिए तैयार होना है। उसके बाद थोड़ा सा चंद कदम चलना है। उन्होंने कहा कि रैम्प पर चलने का उनको कोई अनुभव नहीं था। इसलिए हमने उनको एक सप्ताह तक रैम्प वाक के बारे में बताया। हालांकि इंटरनेट मीडिया के दौर में यह लड़कियां अबूझ नहीं थीं। हमने तो बस एक राह दिखाई गति तो वह स्वयं पकड़ ली थीं।
क्लब की अन्य सदस्यों ने किया भरपूर सहयोग : इनरव्हील क्लब स्वर्णमंजरी की अध्यक्षा मधु तिवारी ने बताया कि बैठक के दौरान जब श्रद्धा त्रिपाठी ने अपने विचारों को रखा तो क्लब की सभी सदस्यों ने इसे सहर्ष स्वीकार किया। इसके लिए क्लब की सदस्यों ने अपनी फैंसी साड़ियों को इन महिलाओं को देने के लिए तैयार हुईं। इस खास अवसर के लिए ब्यूटिशियन को बुलाया गया। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य यह था कि इस वर्ग की महिलाओं में भी कला के प्रति प्रेम और प्रदर्शन की क्षमता को बनाए रखना है।
बढ़ा आत्मविश्वास तो निखरीं प्रतिभाएं : रैम्प वाक में प्रतिभाग की महिलाओं (पूजा, सोना, आरती, लक्ष्मी, छाया, गीता) ने बताया कि पहली बार जीवन में मंच पर चढ़ी। मन तो बहुत करता था लेकिन कुछ विवशताओं के कारण अपने मन की इच्छा को मन में ही दबाए रखा। क्लब ने तीज के अवसर पर हमारी इच्छा का सम्मान किया। हमें अभी तक यह लगता था कि यह सब हमारे जिंदगी का हिस्सा नहीं है। क्लब की सदस्यों ने जब हमारा आत्मविश्वास बढ़ाया तो हमारे भीतर छिपी प्रतिभा हमें दिखी। तब हमें महसूस हुआ कि हमारी अपनी भी जिंदगी है। तीज पर सभी महिलाओं को दो-दो साड़ी और सौंदर्य प्रसाधन और खाद्य सामग्री वितरित की गई।