प्रवासी भारतीय दिवस के बाद स्मार्ट ड्रेनेज सिस्टम का बंद कर दिया मुंह
वाराणसी में शहर की मूलभूत सुविधाओं की अनदेखी कर दी गई है जिसकी पोल प्रवासी दिवस के बाद खुल गई।
वाराणसी,जेएनएन। हद हो गई। इतनी भी जल्दबाजी क्या थी कि शहर की मूलभूत सुविधाओं की अनदेखी कर दी गई। लापरवाही इस कदर तक हुई कि प्रवासी भारतीय दिवस आयोजन के दौरान बनाई गई सड़कों के नीचे जल निकासी सिस्टम को दफन कर दिया गया। इससे स्मार्ट वॉटर ड्रेनेज सिस्टम के मुंह को बंद कर दिया गया। ऐसे में बारिश हुई तो सड़क पर बहता पानी कहां से पास होगा? अगर पास नहीं हुआ तो शहर जलमग्न हो जाएगा। नगर में करीब दो सौ करोड़ रुपये से स्टार्म वॉटर ड्रेनेज सिस्टम को आकार दिया गया है। सड़कों के किनारे सीवर लाइन के समानान्तर मोटी पाइप बिछाया गया है जिसको सड़क किनारे की ड्रेनेज नाली व नालों से जोड़ने के अलावा उसके ढक्कन में 18 छेद बनाए गए हैं ताकि इन माध्यमों से बारिश का पानी स्टार्म वॉटर ड्रेनेज सिस्टम में चला जाए। सड़क निर्माण के दौरान ढक्कन को दबा दिया गया जिससे वह छेद भी बंद हो गए जिससे बारिश का पानी पाइप लाइन में जाता। नियम कहता है कि सड़क निर्माण के दौरान ढक्कन के छेद में प्लास्टिक की पतली पाइपों को लगाया जाए ताकि तारकोल व कंक्रीट से वह बंद न हो सके। सड़क बनने के बाद प्लास्टिक की पाइप निकाल दी जाती है। ढक्कन बताते पाइप लाइन का पता : नगर की सड़कों के नीचे तीन पाइप लाइनें बिछाई गई हैं। एक तो पेयजल पाइप लाइन है जिसके ढक्कन नहीं होते लेकिन दो सीवर लाइनें व एक स्टार्म वॉटर ड्रेनेज सिस्टम की पाइपें हैं जिसके ढक्कन सड़क पर बने हैं। ढक्कन ही पाइप लाइनों का पता बताता है। पुरानी सीवर लाइन का ढक्कर वर्गाकार होता है जिसमें दो छेद होते हैं। इसी प्रकार नई सीवर लाइन का ढक्कन गोलाकार होता है जिसमें भी दो ढक्कन होते हैं। वहीं स्टार्म वॉटर ड्रेनेज का ढक्कन भी गोलाकार होता है लेकिन उसमें 18 छेद होते हैं।