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स्‍वच्‍छ काशी : स्वच्छता के नाम पर हो रहा करोड़ों रुपये खर्च, शहर साफ होना बाकी

पीएम के संसदीय क्षेत्र में स्वच्छता के नाम पर करोड़ रुपये भले ही खर्च किए जा रहे हों लेकिन हकीकत उससे कहीं अलग है, शहर में स्वच्छता कहीं भी दिखाई नहीं पड़ रही है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 07 Jan 2019 08:25 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 08:05 AM (IST)
स्‍वच्‍छ काशी : स्वच्छता के नाम पर हो रहा करोड़ों रुपये खर्च, शहर साफ होना बाकी
स्‍वच्‍छ काशी : स्वच्छता के नाम पर हो रहा करोड़ों रुपये खर्च, शहर साफ होना बाकी

वाराणसी, जेएनएन। पीएम के संसदीय क्षेत्र में स्वच्छता के नाम पर करोड़ रुपये भले ही खर्च किए जा रहे हों लेकिन हकीकत उससे कहीं अलग है। शहर में स्वच्छता कहीं भी दिखाई नहीं पड़ रही है। सड़कों पर न तो समय से झाडू लग रहे हैं और न ही कूड़े की उठान हो रही है। कई सड़कों की हालत यह है कूड़े की दुर्गंध निकलने से लोगों का गुजरना मुश्किल हो गया है। लोग बीमारियों के शिकार हो रहे हैं, फिर भी नगर निगम का दावा है कि इस बार हम स्वच्छता की रैंकिंग में टॉप करेंगे।

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620 मीट्रिक टन में 600 उठता है 600 एमटी कूड़ा : शहर से रोज करीब 620 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है लेकिन उसके सापेक्ष नगर निगम 600 मीट्रिक टन कूड़ा उठा पाता है। बचे कूड़े को नगर निगम विशेष अभियान चलाकर उठाता है।  

रात में लगे 10-10 सफाईकर्मी : नगर निगम दिन में सफाई कराने के बजाय रात में सभी 14 सबजोन के प्रमुख बाजारों में 10-10 सफाई कर्मियों को लगाकर सफाई करा रहा है। 

25 वार्डों में कूड़ा कलेक्शन नहीं : स्वच्छता रैंकिंग में टॉप करने के लिए शहर के वार्डों में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन करने का निर्देश दिया है। कूड़ा कलेक्शन करने वाली इकोपाल कंपनी द्वारा काम बंद करने से 25 वार्डों में कूड़ा कलेक्शन बंद हो गया है। उधर, 32 वार्डों में कूड़ा कलेक्शन की फाइल सदन से हरी झंडी नहीं मिलने के चलते लंबित पड़ी है। 

कैसे पूरा होगा ओडीएफ डबल प्लस : नगर निगम का दावा है कि हम ओडीएफ प्लस में हैं। जल्द ही ओडीएफ डबल प्लस में हो जाएंगे लेकिन सफाई की स्थिति को देखकर ऐसा दिखाई नहीं पड़ रहा है। 

अफसरों की टीम नहीं करती मानीटरिंग : सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए शहर के सभी 90 वार्डों में जिले के आला अफसरों को एक-एक वार्डों की मानीटरिंग करने का जिम्मा सौंपा गया है। शायद ही कोई अफसर वार्डों में मानीटरिंग करने जाता होगा लेकिन फाइल में रोज दिखाते हैं।

नगर निगम ने मंगाए 800 डस्टबिन : राहगीर और घरों में रहने वाले लोग आसपास कूड़ा नहीं फेकें, इसके लिए नगर निगम ने 800 डस्टबिन मंगाए हैं। उन्हें जल्द ही सड़कों और गलियों के किनारे रखा जाएगा। 

प्रचार में लगे चार वाहन, और बढ़ेगा : सड़कों पर और आसपास कूड़ा लोग नहीं फेकें इसके लिए नगर निगम चार वाहनों में लाउड स्पीकर लगाकर प्रचार-प्रसार में लगाया है। निगम के अन्य वाहनों में बैनर लगाने के साथ लोगों को पंफलेट बांट रहा है।  

233 शौचालय, नहीं करते इस्तेमाल : स्वच्छता अभियान के तहत शहर में विभिन्न स्थानों पर 233 शौचालय बनाए गए हैं लेकिन लोग बहुत कम उसका इस्तेमाल करते हैं। एक-दो को छोड़ दिया जाए तो सभी शौचालय के बाहर गंदगी मिलेगी। 

657.75 किलो. जब्त किया प्लास्टिक : नगर निगम ने 15 जुलाई से चलाए गए अभियान में 657.75 किलोग्राम प्लास्टिक जब्त करने के साथ 12450 प्लास्टिक के गिलास समेत अन्य सामान बरामद किए। 4.19 लाख जुर्माना वसूलने के साथ 138 लोगों का चालान किया गया। 

बोले अधिकारी : स्कोरिंग करने वाले स्थानीय लोग होते हैं। वहीं, नगर निगम ने खुद स्कोरिंग कम किया। बाहर से आई टीम ने और नंबर कम कर दिया इसके चलते बनारस रैंकिंग में पीछे हो गया जबकि अन्य जिलों में लोगों ने मनमाना नंबर दिया। शहर में सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के साथ ओडीएफ डबल प्लस करने की पूरी कोशिश है। -एके दुबे, नगर स्वास्थ्य अधिकारी।  


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