रविवार के साथ शुरू होगा काशी में क्रिसमस का उल्लास, पाबंदियों के साथ आयोजित होंगे कार्यक्रम
संक्रमण के चलते इस बार तमाम पाबंदियों के साथ कार्यक्रम आयोजित होंगे। प्रभु ईसा मसीह की जयंती के लिए खुद को हृदय से तैयार करने का समय आगमन काल कहलाता है। छह दिसंबर को दूसरा 13 दिसंबर को तीसरा व 20 दिसंबर को आगमन का चौथा रविवार मनाया जाएगा।
वाराणसी, जेएनएन। कोरोना वायरस महामारी के बीच 29 नवंबर को पीएम के आगमन के पहले रविवार के साथ ही क्रिसमस का उल्लास शुरू हो जाएगा। संक्रमण के चलते इस बार तमाम पाबंदियों के साथ कार्यक्रम आयोजित होंगे। प्रभु ईसा मसीह की जयंती के लिए खुद को हृदय से तैयार करने का समय आगमन काल कहलाता है। छह दिसंबर को दूसरा, 13 दिसंबर को तीसरा व 20 दिसंबर को आगमन का चौथा रविवार मनाया जाएगा। चार रविवार के बाद मसीही समाज क्रिसमस का त्योहार मनाएगा। सेंट मेरीज महागिरजा के फादर विजय शांतिराज के मुताबिक यीशु मसीह दुनिया में फिर आएंगे। वे संसार के सभी जीवित-मृतकों का विचार करेंगे, जो उनके व्यतीत जीवन, आचार-विचार और कर्मों पर आधारित होगा। उनके स्वागत के लिए खुद को मन, वचन और कर्म से तैयार रखें।
कोरोना संकट के बाद भी ईसाई समुदाय में क्रिसमस का उल्लास कम नहीं है। इसे पूरी सतर्कता के साथ मनाने की तैयारियां की जा रही हैंं। इस दौरान केक भी काटेंगे और उत्सव भी मनाएंगे। हालांकि, अभी पर्व विशेष पर हर साल आयोजित किए जाने वाले मेला के संबंध में निर्णय होना शेष है लेकिन घरों में कोरोना संबंधित दिशा निर्देशों का पालन करते हुए आयोजन तो किए ही जाएंगे। क्रिसमस पर आयोजित किए जाने वाले तीन दिनी मेला में मजहबी दीवारों के पार पूरा बनारस एकत्र होता है। इसमें युवाओं की खूब भीड़ होती है, दोपहर बाद से मेलार्थियों का जो रेला उमड़ता है तो विशाल परिसर कम पड़ता है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस-प्रशासन को खूब मशक्कत करनी पड़ती है।