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बलिया में परिषदीय विद्यालय के बच्चे खींच रहे थे ठेला, फोटो वायरल होने के बाद मची खलबली

परिषदीय विद्यालय के बच्चों से शुक्रवार को ठेला खिंचवाने पर जमकर हंगामा हुआ। गड़वार ब्लॉक के चवरी उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढऩे आए पांच मासूम बच्चों से शिक्षक ठेला खिंचवाते नजर आए

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 05:31 PM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 05:31 PM (IST)
बलिया में परिषदीय विद्यालय के बच्चे खींच रहे थे ठेला, फोटो वायरल होने के बाद मची खलबली
बलिया में परिषदीय विद्यालय के बच्चे खींच रहे थे ठेला, फोटो वायरल होने के बाद मची खलबली

बलिया, जेएनएन। परिषदीय विद्यालय के बच्चों से शुक्रवार को ठेला खिंचवाने पर जमकर हंगामा हुआ। गड़वार ब्लॉक के चवरी उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढऩे आए पांच मासूम बच्चों से शिक्षक ठेला खिंचवाते नजर आए। बच्चे एक किलोमीटर दूर से कोटेदार के घर से ठेला पर खाद्यान्न रखकर ला रहे थे। यह देख गांव के लोग भड़क गए और जमकर हंगामा किया। यह चर्चा होने लगी कि परिषदीय विद्यालयों में बच्चे पढऩे जाते हैं या विद्यालय का काम करने। मामला तूल पकड़ता देख संबंधित विद्यालय के शिक्षक इसे भावनात्मक तरीके से परिभाषित करने लगे लेकिन सवाल उनका पीछ़ा नहीं छोड़ रहा थी।

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खुशी से बच्चे गए थे खद्यान्न लाने

इस संबंध में विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य आलोक यादव ने बताया कि विद्यालय का मिड डे मील का खाद्यान्न समाप्त हो गया था। ठेला खिंचने वाला कोई नहीं मिला तो शिक्षा ग्रहण करने आए बच्चे ठेला लेकर कोटेदार के यहां चले गए। इसके लिए उन पर कोई दबाव नहीं डाला गया था। विद्यालय विद्या का मंदिर होता है। छोटे-मोटे कार्य यदि विद्यार्थी करते हैं तो इसे प्रतिष्ठा का विषय नहीं बनाना चाहिए। विद्यालय के बच्चे शिक्षकों के लिए पुत्र के समान होते हैं।

कोटेदार और प्रधान की भी है जिम्मेदारी

परिषदीय विद्यालयों पर एमडीएम के लिए खाद्यान्न पहुंचाने की जिम्मेदारी प्रधानों और संबंधित कोटेदार की है, उनके द्वारा खद्यान्न नहीं पहुंचाए जाने के कारण ही बच्चों को अपने विद्यालय के लिए खाद्याान्न की बोरी ठेला से लाने पर विवश हुए। यह मामला वायरल होने के बाद विद्यालय में भी खलबली मच गई। कुछ अभिभावक इसके पक्ष में दिखे तो कुछ ने इस तरह के कार्य पर अपना विरोध दर्ज कराया।

जांच कर रिपोर्ट मांगी गई है

यह मामला संज्ञान में आया है। वहां के खंड शिक्षाधिकारी से जांच कर रिपोर्ट मांगी गई है। शिक्षक किसी गलत भावना से यह कार्य नहीं कराए हैं। इसके बावजूद बच्चों से यह कार्य कराना गलत है। जांच रिपोर्ट आने के बाद संबंधितों पर कार्रवाई की जाएगी।

- शिवनारायण सिंह, बीएसए।


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