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वाराणसी में आवासित बालक व बालिकाओं की दो दिन में करानी होगी कोरोना जांच : जिलाधिकारी

वाराणसी में बाल देख-रेख संस्थाओं के बच्चों व कर्मचारियों की कोविड-19 जांच कराने को जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने सीएमओ को निर्देश दिया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 10:00 AM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 05:31 PM (IST)
वाराणसी में आवासित बालक व बालिकाओं की दो दिन में करानी होगी कोरोना जांच : जिलाधिकारी
वाराणसी में आवासित बालक व बालिकाओं की दो दिन में करानी होगी कोरोना जांच : जिलाधिकारी

वारणसी, जेएनएन। कैंप कार्यालय सभागार में जिला बाल विकास संरक्षण समिति व बाल विवाह टास्क फोर्स की बैठक जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित हुई। इस दौरान बाल देख-रेख संस्थाओं के बच्चों व कर्मचारियों की कोविड-19 जांच नहीं कराये जाने का मुद्दा उठने पर उन्होंने सीएमओ को दो दिन के भीतर सभी की जांच कराने का निर्देश दिया। ममता संस्था द्वारा किशोर-किशोरी सशक्तीकरण के लिए गठित टास्क फोर्स से संंबंधित कार्ययोजना का संज्ञान लेते हुए डीएम ने संपूर्ण जनपद की बजाय इसे केवल सेवापुरी में लागू करते हुए आदर्श विकासखंड के रूप में विकसित करने का निर्देश दिया। कहा विकास खंड सेवापुरी से प्राप्त परिणाम के आधार पर कार्ययोजना जनपद में लागू की जाएगी।

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निराकरण के लिए दत्तक ग्रहण एजेंसी जल्द खोली जाएगी

डीएम ने कहा जनपद में दत्तक ग्रहण एजेंसी न होने से नवजात शिशुओं को अन्य जनपदों में आवासित कराया जाता है, इसके निराकरण के लिए दत्तक ग्रहण एजेंसी जल्द खोली जाएगी। चाइल्ड लाइन एवं जिला बाल संरक्षण इकाई को वर्तमान स्थिति में जरूरत के मुताबिक कभी भी कार्य करने के लिए ड्यूटी-पास निर्गत कराने का भी निर्देश दिया। कहा चाइल्ड लाइन द्वारा जो भी देखभाल संरक्षण वाले बच्चे मिलते है उन्हे संस्थाओं में आवासित करने से पहले कोविड-19 की जांच करने के लिए मंडलीय चिकित्सालय के एसआइसी को पत्र लिखा जाएगा। वहीं जिला समाज कल्याण अधिकारी को जनपद के सभी वृद्ध आश्रमों व आश्रय स्थलों का निरीक्षण कराने एवं वहां रहने वालों का कोविड-19 जांच कराने के लिए निर्देशित किया।

बालश्रम मुक्त जनपद बनाने का खींचा खाका

जिलाधिकारी ने श्रम विभाग, नया सवेरा परियोजना, जिला बाल संरक्षण इकाई, पुलिस विभाग, स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा एक संयुक्त कार्ययोजना बनाकर जिले को बालश्रम व बाल भिक्षावृति मुक्त जनपद बनाने के लिए निर्देशित किया। डीएम ने सिटी मजिस्ट्रेट को बाल देख-रेख संस्थाओं के संदर्भ में नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया।


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