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बीमारियों के सीजन के अंतिम दौर में डेंगू ने दिया झटका, डेंगू पीड़ित बालक की मौत के बाद दो और भर्ती

वेक्टर (मच्छर-मक्खी) जनित बीमारियों के सीजन के अंतिम दौर में भी डेंगू ने झटका दे दिया है।

By Edited By: Published: Thu, 31 Oct 2019 02:05 AM (IST)Updated: Thu, 31 Oct 2019 08:20 AM (IST)
बीमारियों के सीजन के अंतिम दौर में डेंगू ने दिया झटका, डेंगू पीड़ित बालक की मौत के बाद दो और भर्ती
बीमारियों के सीजन के अंतिम दौर में डेंगू ने दिया झटका, डेंगू पीड़ित बालक की मौत के बाद दो और भर्ती

वाराणसी, जेएनएन। वेक्टर (मच्छर-मक्खी) जनित बीमारियों के सीजन के अंतिम दौर में भी डेंगू ने झटका दे दिया है। इससे पीड़ित अस्सी निवासी प्रथमेश (12 वर्ष) ने मंगलवार देर रात बीएचयू अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। तबीयत बिगड़ने पर धनतेरस के दिन भर्ती कराया गया था। इसके बाद भी प्लेटलेट गिरता गया और 20 हजार तक आ गया। बीएचयू के वैदिक विज्ञान केंद्र समन्वयक डा. उपेन्द्र त्रिपाठी का पुत्र प्रथमेश का इस दौरान लिवर व किडनी में भी दिक्कतें आई।

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स्वजनों के अनुसार प्रथमेश को डेंगू की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती किया गया था। इसके अलावा अस्सी क्षेत्र के दो अन्य का भी निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है। दोनों छह दिनों से भर्ती हैं। इसमें नगवा के काशीनाथ गुप्ता (38 वर्ष) व गंगोत्री विहार कालोनी के गौरव तिवारी (12 वर्ष) शामिल हैं। काशीनाथ का घर अस्सी नाले के किनारे और गौरव की कालोनी पांच सौ मीटर दूर है। आसपास के इलाके में नमी से लोग डेंगू मच्छरों को लेकर सशंकित हैं। लोगों का कहना है कि डेंगू लार्वारोधी छिड़काव भी नहीं किया गया। इस संबंध में वेक्टर बार्न डिजीज के नोडल अधिकारी डा. एसएस कन्नौजिया के अनुसार डेंगू से किसी मौत की सूचना उन्हें नहीं मिली है।

सरकारी आंकड़ों में 170 हुए प्रभावित सीएमओ दफ्तर को विभिन्न अस्पतालों से मिली सूचना के अनुसार अब तक 170 लोग डेंगू से पीड़ित हुए। उनका विभिन्न सरकारी व निजी अस्पतालों में इलाज किया गया। हालांकि निजी अस्पतालों में इलाज कराने वालों की संख्या को देखते हुए माना जा रहा है कि यह आंकड़ा और अधिक जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग खुद स्वीकार कर चुका है कि कुछ अस्पताल इस मामले में लापरवाही कर रहे हैं।


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