CHC LIVE : वाराणसी के मिसिरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रात को पशुओं का लगा रहता है डेरा
रोहनिया के मिसिरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहचान अब गंदे दीवाल व आवारा पशुओं का अड्डा के नाम से जाना जाने लगा है सभी बाहरी दीवाल गंदे हो गए है और जो बोर्ड भी लगे है ओ धुंधले हो चुके है।
वाराणसी [श्रवण भारद्वाज]। रोहनिया के मिसिरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहचान अब गंदे दीवाल व आवारा पशुओं का अड्डा के नाम से जाना जाने लगा है सभी बाहरी दीवाल गंदे हो गए है और जो बोर्ड भी लगे है ओ धुंधले हो चुके है। बाहर से देखने पर स्वास्थ्य केंद्र अपनी पहचान ही खो चुका है। स्वास्थ्य केंद्र के प्रांगण में रात को आवारा पशुओं का डेरा बन जाता है इसका सीधा कारण यह है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चारों ओर से खुला है जिसके कारण घुमन्तु पशु गंदगी कर देते है और मरीजों इंफेक्शन फैलने का खतरा बढ़ जाता है मरीज भी अपने आपको असहज महसूस करते है। जब कि यह स्वास्थ्य केंद्र घनी आबादी के बीच मे स्थित है।स्वास्थ्य केंद्र पर पहुचने के लिए सड़क भी काफी खराब है ऐसा तब है जब कुछ ही दूरी पर विधायक रोहनिया सुरेंद्र नारायण सिंह का आवास है।
अभी कुछ दिन पहले ही विधायक ने केंद्र पर पहुंचकर आक्सीजन कंस्ट्रेटर मशीन का उदघाटन किया था लेकिन स्वास्थ्य केंद्र की चारों ओर की बाउंड्री व सड़क निर्माण की ओर ध्यान ही नहीं दिया। स्वास्थ्य केंद्र में कुल 30 बेड है और मई के महीने में अब तक 11 महिलाओं की डिलीवरी हुई है।जब कि कोरोना काल के पहले यह संख्या 80 से 100 थी।
अस्पतला में सुविधाएं
-डॉक्टर 6 है, फिजिशियन, सर्जन,डेंटल,गाईकोलॉजिस्ट,पीडियाटिक्स, एनेस्थेटिक
-फार्मासिस्ट तीन होने चाहिए-तीन है
-स्टाफ नर्स तीन होने चाहिए-तीन है।
-वार्ड ब्वाय दो होने चाहिए दो है
-वार्ड आया एक होने चाहिए एक है।
-स्वीपर तीन होने चाहिए एक ही है
-एक्सरे टेक्नीशियन व एक्सरे सहायक एक एक होने चाहिए वह है लेकिन ओपीडी बंद होने के कारण इनको कोरोना किट वितरण करने में लगाया गया है।
-एलटी एक होने चाहिए और एक है लेकिन फिलहाल वह रामनगर कोरोना हास्पिटल में अटेच है।
-ओटी अटेंडेंट नहीं है
-माली नहीं है
-धोबी है
-बाबू है
-कुक नहीं है
- डेंटल हाइजेनिस्ट एक है।
जल्द ही आक्सीजन प्लांट
अभी कुछ दिन पहले दो स्टाफ नर्स व चीफ फार्मासिस्ट आर के सिंह पाजिटिव हुए थे और कुछ दिनों के बाद ही निगेटिव होने पर केंद्र पर अपना कार्य शुरू कर दिए। यहां पर 5 बेड पर आक्सीजन कंस्ट्रेटर लगाया गया है। अस्पताल कुल 30 बेड का है। बहुत जल्द ही यहां आक्सीजन प्लांट लगना है।