यदि आप पशुपालक हैं तो सवाधान कहीं चरी साइनाइट जहर न बन जाए
यदि आप पशु पालक हैं तो सावधान हो जाइए । कहीं ये हरा चारा सूडान या अन्य पशुओं को नुकसान न कर जाए तथा साइनाइट जहर न बन जाए।
चंदौली, जेएनएन। यदि आप पशु पालक हैं तो सावधान हो जाइए । कहीं ये हरा चारा सूडान या अन्य पशुओं को नुकसान न कर जाए तथा साइनाइट जहर न बन जाए। इससे पशु असमय ही काल के गाल में न समा जाए। हरा चारा खिलाने से पहले सावधानियां बरती जाए। जिससे पशुओं को चरी फायदा करे। गर्मी के सीजन में पशुओं को हरा चरा देने के लिए पशुपालक अपने सामर्थ्य के अनुसार एक, दो, बीघा चरी, शुडान, एमपी, अर्ली आदि नाम की विभिन्न प्रकार की खेती किए हैं । नरवन में ज्यादा तर चरी शुडान की खेती की गई हैं जो पशुओं को हरा चारा के काम आता है। दुधारू पशुओं का दूध भी बढ जाता है। इस समय खेतों में शुडान चरी कहीं तैयार खिलाया जा रहा है तो कहीं तैयारी पर है लेकिन यही चरी कभी फायदा की जगह नुकसान कर देता है। इसे खाते पशु की मौत हो जाती है। कितने बेसहारा पशुओं की खाते ही मौत भी हो गई है। कारण खेत सूखा होने से चरी में सइनाइट जहर बन जाता है ।
बरतें सावधानी
इस संबंध में पशु चिकित्सा प्राभारी अमड़ा डा. के. लाल ने बताया कि गर्मी के दिनों में चरी का खेत हरदम पानी से भीगा होना चाहिए। खेत सूखा होने से चरी की पत्तियां पीली पड़ जाती हैं ।जो साइनाइट नामक जहर बन जाता है जिसे खाते ही पशुओं की मौत हो जाती है। इस खतरनाक जहर से बचने का उपचार है लेकिन इसमें पशुओं को बचा पाना मुश्किल होता है। सबसे अच्छा है कि चरी वाले खेत को बराबर हफ्ते में दो बार पानी से भरें। कुछ ऐसी भी चरी हैं जिन्हें खेत से काटने के बाद पानी से धोकर खिलाया जाता है जिसकी इधर लोग खेती नही करते हैं।
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