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जौनपुर में लूट और हत्या के प्रयास में धनंजय सिंह और शैलेंद्र ललई यादव के खिलाफ आरोप तय

खुटहन में वर्ष 2017 में हुए उपद्रव मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह पूर्व विधायक शैलेंद्र यादव ललई एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंसू व अन्य आरोपितों के खिलाफ लूट हत्या के प्रयास आगजनी व अन्य धाराओं में अपर सत्र न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट में आरोप तय हुआ।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 27 May 2022 06:44 PM (IST)Updated: Fri, 27 May 2022 06:44 PM (IST)
जौनपुर में लूट और हत्या के प्रयास में धनंजय सिंह और शैलेंद्र ललई यादव के खिलाफ आरोप तय
उपद्रव मामले में पूर्व सांसद व अन्य आरोपितों के खिलाफ अपर सत्र न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट में आरोप तय हुआ।

जागरण संवाददाता, जौनपुर : नवंबर 2017 को हुए खुटहन उपद्रव मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह, पूर्व विधायक शैलेंद्र यादव ललई व अन्य आरोपितों के खिलाफ लूट हत्या के प्रयास, आगजनी व अन्य धाराओं में अपर सत्र न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट में आरोप तय हुआ। शासकीय अधिवक्ता लाल बहादुर पाल के प्रार्थना पत्र पर कोर्ट ने पूर्व सांसद कुंवर हरिवंश सिंह को कोर्ट ने गवाही के लिए सात जून को तलब किया है।

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प्रतापगढ़ के पूर्व सांसद कुंवर हरिवंश सिंह ने पूर्व विधायक शैलेंद्र यादव ललई, धनंजय, बृजेश सिंह प्रिंसू समेत 35 के खिलाफ छह नवंबर 2017 को एफआइआर दर्ज कराया था कि ब्लाक प्रमुख सरजू देवी यादव के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर प्रशासन द्वारा सुबह 11 बजे खुटहन ब्लाक के परिसर में प्रस्ताव पर परिचर्चा होना था। वादी अपनी बहू नीलम (ब्लाक प्रमुख) के साथ वहां जा रहा था। खुटहन ब्लाक के समीप जौकाबाद गांव पहुंचा तभी सभी आरोपित 400 से 500 लोगों के साथ वादी की गाड़ी के सामने आ गए। ललई यादव के ललकारने पर धनंजय, प्रिंसू व नवीन सिंह जान से मारने की नियत से वादी पर फायरिंग करने लगे। आरोपितों ने वादी की गाड़ी क्षतिग्रस्त कर दिया। वादी दूसरी गाड़ी से ब्लाक की तरफ भागा।

इस गाड़ी पर भी आरोपियों ने अंधाधुंध फायरिंग किया। पहली गाड़ी को जला कर 15-16 लाख रुपए का नुकसान कर दिया। क्षेत्र पंचायत सदस्यों को भी जान से मारने की नियत से मतदान न करने देने के उद्देश्य से आतंकित कर गाड़ियों से खींचने लगे। पंचायत सदस्यों में कुछ महिला सदस्यों के गले से चेन व कान की बालियां भी लूट लिए। मामले में पुलिस ने अपराध पाते हुए चार्जशीट दाखिल की। धनंजय व अन्य आरोपितों का कहना था कि राजनैतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण रंजिशन फर्जी प्राथमिकी दर्ज कराई गई। घटनास्थल से विवेचना में खोखा कारतूस भी बरामद नहीं हुआ। इस तरह की कोई घटना ही नहीं घटी। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपितों का आरोप मुक्ति प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया था।


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