वाराणसी महायोजना-2031में करेंगे संशोधन, चौखंडी स्तूप से संरक्षित क्षेत्र का दायरा 50 मीटर कम
सारनाथ स्थित चौखंडी स्तूप के संरक्षित दायरे को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने कम कर दिया है।
वाराणसी [जेपी पांडेय]। सारनाथ स्थित चौखंडी स्तूप के संरक्षित दायरे को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने कम कर दिया है। चौखंडी स्तूप की बाउंड्री से बाहर 50 मीटर के दायरे को खत्म करते हुए अब उसकी नापी बाउंड्री से ही करने का आदेश जारी किया है। इस आदेश के बाद अब विकास प्राधिकरण भी अपना दायरा कम करने में जुट गया है। वीडीए वीसी ने नगर नियोजक को नए आदेश के क्रम में हेरिटेज जोन के दायरे को कम करने के साथ सीमांकन करने को कहा है, ताकि 100 मीटर के बाहर नक्शा स्वीकृत करने में विकास प्राधिकरण को आसानी हो। इससे काफी लोगों को राहत मिलेगी।
मालूम हो कि पुरातात्विक धरोहर की बाउंड्री से 100 मीटर के दायरे में निर्माण नहीं हो सकता। 100 मीटर के बाहर और 300 मीटर के अंदर पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की अनुमति के बाद वीडीए नक्शा स्वीकृत करता है। 300 मीटर के अंदर की एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) दिल्ली से पुरातत्व विभाग देता है। पुरातात्विक धरोहर से सटे पांच गांवों बरईपुर, गंज, सिंहपुर, घुरहूपुर और परशुराम में निर्माण करने से पहले भवन स्वामी को मंडलायुक्त के यहां से एनओसी लेनी पड़ती है।
अभी यह था दायरा
चौखंडी स्तूप की बाउंड्री के बाद 50 मीटर का अलग से दायरा था। इसके बाद पुरातत्व विभाग 100 मीटर दायरा संरक्षित मानता था। जबकि दूसरे पुरातात्विक धरोहर में ऐसा नियम नहीं है। चौखंडी स्तूप की बाउंड्री से सटे पूरब दिशा में सड़क है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कराई जांच
चौखंडी स्तूप की बाउंड्री के बाद 50 मीटर अलग से दायरा होने का मामला स्थानीय लोगों के साथ जनप्रतिनिधियों ने पूर्व केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री महेश शर्मा के सामने उठाया था। जब उन्होंने पूरे मामले की जांच कराई तो बाउंड्री से 50 मीटर अलग से दायरा होने व दूसरे स्थानों पर नहीं होने की बात रखी। ऐसे में चौखंडी स्तूप की बाउंड्री से नापी का निर्णय हुआ।
- पुरातत्व के नियम व एक्ट के मुताबिक वीडीए काम करता है। चौखंडी स्तूप से संरक्षित दायरा 50 मीटर कम किया गया है। ऐसे में नगर नियोजक को महायोजना -2031 में हेरिटेज जोन का दायरा कम करने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है। जिससे बाउंड्री के 100 मीटर के बाहर नक्शा स्वीकृति करने में आसानी हो। - राहुल पांडेय, उपाध्यक्ष, वीडीए।
- चौखंडी स्तूप के संरक्षित क्षेत्र का वर्ष 1920 में सीमांकन किया गया था। बाउंड्री के बाहर नापी की जाती थी। अलग-अलग दिशा में अलग-अलग दूरी थी लेकिन अब बाउंड्री से नापी की जाएगी। विभाग ने पिछले माह नोटिफिकेशन कराया था। -नीरज सिन्हा, अधीक्षण पुरातत्व विद्, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग।