बदलते समय में डायबिटीज के इलाज में भी बदलाव, मंथन के लिए विशेषज्ञ डाक्टर दो दिन रहेंगे मौजूद
बदलते समय में रोग और उसके इलाज में भी बदलाव आया है। नित नए शोध सामने आ रहे हैं। इसमें डायबिटीज (मधुमेह) सबसे प्रमुख है।
वाराणसी, जेएनएन। बदलते समय में रोग और उसके इलाज में भी बदलाव आया है। नित नए शोध सामने आ रहे हैं। इसमें डायबिटीज (मधुमेह) सबसे प्रमुख है। इसी बदलाव को एक दूसरे से साझा करने के लिए देश भर के डाक्टर दो दिनों तक एक साथ बैठेंगे और चर्चा करेंगे।
आरएसएसडीडीआइ अपकान के अध्यक्ष डा. एसके सिंह ने गुरुवार को होटल रेडिसन में मीडिया को बताया कि इसका आयोजन एक और दो फरवरी को होटल ताज गैंगेज में होगा। इसमें मधुमेह के बारे मे देश भर से आए चिकित्सक अपना शोध प्रस्तुत करेंगे। चिकित्सक और समाज को उचित जानकारी मिल सकेगी। बताया कि बढ़ता मोटापा व बढ़ती उम्र, अनियमित दिनचर्या और तनाव ही डायबिटीज के मुख्य कारण हैं। कार्यकारी सचिव डा. शैलेंदर सिंह ने बताया कि यदि आप का खाली पेट शुगर 126 के ऊपर और खाने के बाद 200 के ऊपर है तो आपको शुगर हो गया है।
एपीआइ चेयरमैन डा. पीके तिवारी ने जागरूकता जरूरी बताया। डा. आलोक सिंह ने कहा कि उच्च रक्त चाप वाले अपना शुगर अवश्य जांच कराएं। डा. मोनिका ने बताया कि अधिवेशन के पूर्व 31 जनवरी को रेडिसन होटल में मोटापा कारण एवं निवारण विषय पर संगोष्ठी होगी। अध्यक्ष निर्वाचित डा. मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि अधिवेशन में राष्ट्रीय स्तर के मधुमेह रोग विशेषज्ञ पद्मश्री डा. शशांक आर जोशी, डा. वंशी साबू, डा. एसके वागडू, डा. विवेका ज्योत्सना, डा. एनके सोनी आदि भाग लेंगे। यह अधिवेशन बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के इंडो एवं डायबिटीज विभाग के तत्वावधान मे संपादित होगा।