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आत्मनिर्भर भारत के संकल्प से ही देश में बदलाव संभव, बोले- राज्‍यसभा के उप सभापति हरिवंश

राज्य सभा के उप सभापति हरिवंश ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आत्म निर्भर भारत का नारा दिया है। देश में यही एक मात्र रास्ता है जिसके माध्यम से भारत की तरक्की हो सकती है। अपने गांव सिताबदियारा के दलजीत टोला में बुधवार को जागरण से बातचीत कर रहे थे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 04 Nov 2020 06:28 PM (IST)Updated: Wed, 04 Nov 2020 06:28 PM (IST)
आत्मनिर्भर भारत के संकल्प से ही देश में बदलाव संभव, बोले- राज्‍यसभा के उप सभापति हरिवंश
अपने गांव सिताबदियारा के दलजीत टोला में बुधवार को जागरण से बातचीत करते।

बलिया [लवकुश सिंह]। राज्य सभा के उप सभापति हरिवंश ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आत्म निर्भर भारत का नारा दिया है। देश में यही एक मात्र रास्ता है, जिसके माध्यम से भारत की तरक्की हो सकती है। इस सपने को साकार किए बगैर, हम रोजगार, शिक्षा, सुरक्षा सहित किसी भी बनुयादी सुविधा में कोई बदलाव नहीं कर सकते। वह अपने गांव सिताबदियारा के दलजीत टोला में बुधवार को जागरण से बातचीत कर रहे थे।  

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हरिवंश ने कहा कि किसी देश की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि वह हथियारों के मामले में आत्म निर्भर बने। अपने देश में 42 ऑर्डनेंस फैक्ट्रियां हैं। ये फैंक्ट्रियां भरपूर संसाधन के साथ अंग्रेज छोड़ गए थे। इसके बावजूद क्या कारण रहा कि भारत आजादी के बाद से दूसरे देशों से ही हथियार खरीदता रहा। देश में इंफ्रास्ट्रक्चर होने के बाद भी हथियार का निर्माण कराने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हुई। उन 42 ऑर्डनेंस फैक्ट्रियों को जिंदा करने की दिशा में 2014 के बाद से सराहनीय पहल शुरू हुई है। हथियारों के मामले में हमारी सेना मजबूत हो रही है। ऐसी पहल की जरूरत सभी क्षेत्रों में है।

डेढ़ लाख करोड़ की होती थी कोयले की खरीदारी

उप सभापति ने कहा कि दुनिया भर में कोयला का दूसरा सबसे बड़ा भंडार अपने देश में है। इसके बावजूद प्रतिवर्ष डेढ़ लाख करोड़ के कोयले की खरीदारी बाहर से होती थी। ऐसा क्यों था, पब्लिक सेक्टर चालाने वाले लोगों को देश के ऐसे बड़े मुद्दों पर ज्यादा गंभीर होने की जरूरत है। ऐसा नहीं होने के चलते ही देश के हर क्षेत्र में बड़े भ्रष्टाचार ने जन्म लिया है। अब स्थितियां बदल रही हैं, लेकिन इसमें समय लगेगा।

तत्काल धनी होने की न रखें मंशा

आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ हमें तत्काल धनी होने की चाह छोडऩी होगी। आत्म निर्भर भारत का मतलब..हमें खुद को बदलना है। आत्म निर्भर बनकर अपने परिवार को आर्थिक संकट से उबारना है। अपना आकलन खुद करना है। आज एक स्नातक का छात्र यदि उस स्तर तक का ज्ञान नहीं रखता तो उसे आत्म मंथन करना चाहिए कि इतने दिनों की पढ़ाई में उसने क्या खोया और क्या पाया।


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