बारिश के बाद फिर बादलों की आहट, आकाशीय बिजली से सोनभद्र में पिता-पुत्री की मौत
पूर्वांचल में पूर्वानुमान के मुताबिक आधी रात के बाद कई जिलों में बारिश हुई और बादलों ने बूंदाबांदी तो कराई ही साथ ही कुछ जगहों पर ओले भी पड़े। I
वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल में पूर्वानुमान के मुताबिक आधी रात के बाद कई जिलों में बारिश हुई और बादलों ने बूंदाबांदी तो कराई ही साथ ही कुछ जगहों पर ओले भी पड़े। दरअसर पश्चिमी विक्षोभ के असर से पूर्वांचल में इस बारिश की आशंका मौसम विज्ञानी भी जता चुके थे। हालांकि आधी रात के बाद बारिश होने के बाद सुबह धूप तो निकली ही साथ ही मौसम भी थोड़ी देर के लिए साफ हुआ मगर बारिश की आशंका बनी हुई है।
आकाशीय बिजली से पिता-पुत्री की मौत : मंगलवार की सुबह नौ बजे तेज आंधी व पानी के बीच आकाशीय बिजली की चपेट में आने से पिता-पुत्री की मौत हो गई। रायपुर थाना क्षेत्र सुदूरवर्ती गांव गोंगा निवासी महेंद्र यादव (44) सुबह खेत में बने मचान पर बैठा था। खेत में ही पुत्री रंभावती (12) खाना देने पहुंची थी इसी दौरान गिरी आकाशीय बिजली की चपेट में आने से दोनों की मौत हो गई। घटना के करीब दो घंटे बाद परिजनों को हादसे की जानकारी हुई। इसके बाद किसी तरह सूचना पर दोपहर में पहुंची पुलिस ने दोनों के शव को कब्जे में लिया।
आकाशीय बिजली से महिला झुलसी : मीरजापुर में सन्तनगर पुलिस चौकी क्षेत्र की सीता देवी पत्नी जितेंद्र कुमार अपने खपरैल में सोई थी कि 4.30 बजे भोर में आकाशीय बिजली की तेज चमक से झुलस गई। झुलसने के बाद वह अचेत हो गयी। परिवारी जन 108 नंबर एंबुलेंस से से पीएचसी पटेहरा ले आये जहां पर फार्मासिस्ट ने उपचार कर वापस घर भेज दिया।
बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 34.5 और न्यूनतम 18.1 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। अधिकतम पारा जहां दो डिग्री अधिक दर्ज किया गया वहीं न्यूनतम तापमान सामान्य रहा। मौसम विज्ञानियों के अनुसार अभी पश्विम से विक्षोभ का एक और झटका पहुंचना बाकी है। हालांकि पूर्वांचल तक आते आते असर कम होने की उम्मीद है मगर बारिश का असर अधिक हुआ तो खेती किसानी प्रभावित हो सकती है।
देर रात बारिश के बीच कई इलाकों में जोरदार बूंदाबांदी होने से कट कर रखी फसल भीग गई और मडार्इ प्रभावित हो गई। बारिश होने से फसलें जहां भीग गईं वहीं तेज हवाओं के रुख से खेतों में तैयार फसलें लोट गईं। कृषि विज्ञानियों के अनुसार बारिश और हुई तो गेहूं, जौ, चना, मटर, तिलहन आैर आम आदि की फसल प्रभावित हो सकती हैं। सुबह किसानों ने खेतों की ओर रुख किया और फसल बचाने की जुगत में लग गए।