वरुणापार में डब्ल्यूटीपी से आपूर्ति में लीकेज है चुनौती, 28 हजार घरों में करनी है जलापूर्ति
सारनाथ स्थित डब्ल्यूटीपी (वाटर ट्रीटमेंट प्लांट) से वरुणापार क्षेत्र में जलापूर्ति करने में लीकेज सबसे बड़ी चुनौती है।
वाराणसी, जेएनएन। सारनाथ स्थित डब्ल्यूटीपी (वाटर ट्रीटमेंट प्लांट) से वरुणापार क्षेत्र में जलापूर्ति करने में लीकेज सबसे बड़ी चुनौती है। रोज नए-नए लीकेज सामने आने से कार्यदायी एजेंसी के साथ जल निगम के अधिकारियों की परेशानी बढ़ गई है। 268 करोड़ की लागत से बने डब्ल्यूटीपी से 28 हजार घरोंं में जलापूर्ति करनी है। अब तक वरुणापार के 54 ट्यूबवेल में से 48 के जलापूर्ति लाइन में डब्ल्यूटीपी के फीडर मेन से संयोजन हो चुका है। अब केवल छह ट्यूबवेल के जलापूर्ति लाइन में फीडर मेन से संयोजन करना है।
डब्ल्यूटीपी के लिए 2017 में जल निगम को जमीन मिली। उसके बाद से निर्माण कार्य शुरू हुआ जबकि छह साल पहले ही इसके लिए जलापूर्ति लाइन बिछा दी गई थी। अब जब जलापूर्ति शुरू हुई तो लीकेज सामने आ रहे हैं। हालांकि अधिकांश क्षेत्रों में पहले से ट्यूबवेल से जलापूर्ति हो रही है। बावजूद इसके अब डब्ल्यूटीपी में पानी का दबाव अधिक होने से लीकेज की शिकायतें बढ़ी हैं। अधिकतर शिकायतें हुकुलगंज, पांडेयपुर, आजमगढ़ रोड पर लालपुर, अर्दली बाजार, सरसौली, सारनाथ सहित कई स्थानों पर हैं। जल निगम के मुख्य अभियंता एके पुरवार ने कहा कि दो महीने में सभी लीकेज ठीक कर लिए जाएंगे। मार्च से जलापूर्ति शुरू कर दी जाएगी। अभी टेस्टिंग चल रहा है। जैसे जैसे लीकेज मिलेंगे उसे ठीक कर लिया जाएगा।