Chain snatching : वाराणसी में स्नेचर पकडऩा तो दूर सुराग तक नहीं लगा पा रही पुलिस
वाराणसी में चेन स्नेचरों को पकडऩा तो दूर सुराग तक नहीं लगा पा रही पुलिस हाल की घटनाओं से पुलिस को बेखौफ बदमाश लगातार चुनौति दे रहे हैं।
वाराणसी, जेएनएन। सतर्क रहें, सजग रहें क्योंकि शहर में चेन स्नेचर सक्रिय हैं। वे बेखौफ होकर घटना को अंजाम देने के साथ पुलिस के इकबाल पर चोट भी कर रहे हैं। हाल की स्नेचिंग की घटनाएं एक बार फिर पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ी करने लगी हैं। कोरोना के इस संकटकाल में तीन महीने से लोग घरों में रहने को मजबूर हुए। छूट मिली तो महिलाएं घर से निकली लेकिन उनकी आजादी पर स्नेचर तुषारापात करने लगे हैं। वह भी उस समय जब पुलिस हर क्षेत्र में संदिग्धों व वाहनों की जांच में लगी रहती है।
महिलाओं के साथ यह मात्र घटना नहीं होती, क्योंकि उनके अरमान उस चेन से जड़े रहते हैं। आधी आबादी में कुछ तो बदमाशों से भिड़ भी जाती हैं। उनका साहस अन्य के लिए प्रेरणादायक भले हो लेकिन इनकी संख्या गिनती की होती हैं। देखा जाए तो ऐसी बहुत सी घटनाएं पुलिस तक पहु़ंच भी नहीं पाती हैं। इन घटनाओं की शिकार महिलाओं का यह कहना होता है कि पुलिस से उन्हें कोई उम्मीद नहीं है। पुलिस की कार्य प्रणाली पर उनका विश्वास नहीं रहता। हाल में लंका, भेलूपुर, मंडुआडीह, कैंट, पांडेयपुर आदि क्षेत्रों में स्नेचिंग की जितनी भी घटनाएं हुईं उनमें शामिल स्नेचरों को गिरफ्त में लेना तो दूर उनका सुराग तक पुलिस नहीं लगा सकी। सीसीटीवी के सहारे पुलिस की जांच आगे बढ़ती है जबकि स्नेचर जरायम के अंधियारे में गुम हो जाते हैं।
कम उम्र के युवाओं का गिरोह
हाल में हुई घटनाओं से यह भी सामने आया है कि कम उम्र के युवाओं का गिरोह अपने शौक को पूरा करने के लिए इस तरह की कारगुजारी को अंजाम दे रहे हैं। यह भी देखा गया है कि चेन झपटने या छीनने के लिए बदमाश सुनसान स्थान का चयन करते हैं। इस समय भीड़भाड़ कम होने का भी लाभ बदमाश उठा रहे हैं।