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वाराणसी में खाद्यान्न की बोरी में मिला सीमेंट का चूर्ण और कंक्रीट, पूर्ति निरीक्षक से मांगी रिपोर्ट

वाराणसी के दानगंज क्षेत्र के भदवां गांव में सस्ते गल्ले की दुकान के खाद्यान्न में सीमेंट का चूर्ण और कंक्रीट मिलने पर कार्डधारकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 03 Apr 2020 11:46 PM (IST)Updated: Fri, 03 Apr 2020 11:46 PM (IST)
वाराणसी में खाद्यान्न की बोरी में मिला सीमेंट का चूर्ण और कंक्रीट, पूर्ति निरीक्षक से मांगी रिपोर्ट
वाराणसी में खाद्यान्न की बोरी में मिला सीमेंट का चूर्ण और कंक्रीट, पूर्ति निरीक्षक से मांगी रिपोर्ट

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना वायरस महामारी में लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार ने खाद्यान्न उपलब्ध कराने को कहा तो लोगों ने मिलावट करना शुरू कर दिया। शुक्रवार को दानगंज क्षेत्र के भदवां गांव में सस्ते गल्ले की दुकान के खाद्यान्न में सीमेंट का चूर्ण और कंक्रीट मिलने पर कार्डधारकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। वहीं, सस्ते गल्ले की दुकानों पर कहीं सर्वर में खराबी तो कहीं दुकानें नहीं खुली थीं। कहीं स्थानों पर राशन लेने के लिए लोगों को लंबी लाइन लगानी पड़ी।

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भदवां गांव में कोटेदार वीरेंद्र चौबे के यहां कार्डधारक चिंता देवी, प्रेमशीला, हृदयनाथ, निर्मला, महेंदर राम समेत अन्य लोग खाद्यान्न लेने पहुंचे थे। गेहूं की बोरी खुलते ही उसमें सीमेंट के चूर्ण और कंक्रीट दिखाई पड़ते ही कार्डधारक आक्रोशित हो गए। इस बारे में पूर्ति निरीक्षक चोलापुर शिवाश्रय सिंह ने बताया कि खाद्यान्न दूसरे राज्य से आता है। बोरी में सीमेंट का चूर्ण और कंक्रीट मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है। एडीएम सप्लाई ने रिपोर्ट तैयार कर खाद्यान्न वापस कराने को कहा है। सारनाथ क्षेत्र में राशन की दुकानों पर सर्वर में खराबी के चलते कार्डधारकों को काफी परेशानी हुई। एक-दो स्थानों पर काफी धीमी गति से सर्वर चल रहा था। इसको लेकर ग्राहकों ने नाराजगी भी जाहिर की। कोरोना वायरस के बचाव के लिए कोटेदार ने सैनिटाइजर और साबुन रखा था। विकास खंड चोलापुर के दानगंज क्षेत्र में बंतरी, पहाड़पुर, जरियारी के कोटेदार महेंद्र चौबे, रामजीत, रवींद्र कुमार आदि का कहना है कि अंत्योदय, मनरेगा कार्ड धारक और श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमिकों को मुफ्त में राशन वितरित करना है। सोशल मीडिया पर चल रहे कई भ्रामक संदेशों के चलते और जानकारी के अभाव में सभी मुफ्त में राशन मांग रहे हैं। चौबेपुर क्षेत्र के सस्ते गल्ले की ज्यादातर दुकानों पर शाम तक कार्डधारकों की भीड़ रही। वहीं, गौरा, उपरवार गांव में कार्डधारक शारीरिक दूरी का पालन नहीं कर रहे थे। अजाव गांव के पप्पू का कहना है कि अभी तक कार्ड नहीं बना है। ऐसे में कोटेदार राशन नहीं दे रहा है जबकि घर में खाने को नहीं है। वहीं, कोटेदार का कहना है कि कार्ड बनाने के लिए आधार कार्ड होना जरूरी है जो नहीं है, इसके चलते राशन कार्ड नहीं बन पा रहा है।


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