सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में हो हाथरस कांड की सीबीआइ जांच : संजय सिंह
हाथरस कांड ने पूरे देश की आत्मा को झकझोरने का काम किया है। पुलिस की एसआइटी से न्याय की उम्मीद नहीं है इसलिए प्रकरण की जांच सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की निगरानी में सीबीआइ से कराई जाए। उन्होंने कहा कि डीएम के पास सीएम का राज है।
मीरजापुर, जेएनएन। हाथरस कांड ने पूरे देश की आत्मा को झकझोरने का काम किया है। पुलिस की एसआइटी से न्याय की उम्मीद नहीं है, इसलिए प्रकरण की जांच सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की निगरानी में सीबीआइ से कराई जाए। उन्होंने कहा कि डीएम के पास सीएम का राज है। डीएम अगर पोल खोल दे तो सारे राजफाश हो जाएंगे। बिना किसी पर दबाव या निर्देश के कोई भी अधिकारी या प्रशासन दरिंदों को बचाने का कार्य नहीं करेगा। इसी के चलते डीएम हाथरस पर कार्रवाई नहीं हो रही है। ये बातें राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने प्रेस प्रतिनिधियों से बातचीत के दौरान कही।
शनिवार को मीरजापुर नगर में आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी व सांसद संजय सिंह ने कहा कि हाथरस कांड से लोगों में भारी आक्रोश है। जनता न्याय के लिए सड़कों पर है। इसके लिए लोग विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदेश में बेटियां सुरक्षित नहीं है। यह कोई पहली घटना नहीं है। जौनपुर के मड़ियाहु, लखीमपुर खीरी, आजमगढ़, फतेहपुर, हाथरस और बगल में भदोही में दरिंदगी का शिकार बनाकर हत्या कर दी गई। बेटी बचाओं का नारा देने वाले और अपने को चौकीदार कहने वाले लोग सात दरवाजे के पीछे छिपे हैं। इसमें सबसे बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है कि बेटी के साथ दरिंदगी होने के बाद छह दिन तक एफआइआर तक दर्ज नहीं हुआ और इलाज आदि मिलने में भी देरी हुई। परिवार की मर्जी के बिना दाह संस्कार कर दिया गया। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में तानाशाही चल रही है जो आपातकाल से भी ज्यादा खतरनाक है।
उन्होंने हाथरस कांड में सरकार पर हीलाहवाली करने के साथ ही तुगलकी फरमान चलाने का आरोप मढ़ा। कहा कि लोगों को वहां जाने नहीं दिया जा रहा है और किसी से मिलने नहीं दिया जा रहा है। मां आंचल फैलाकर फरियाद कर रही है लेकिन उसकी सुनी नहीं जा रही हैं। सांसद ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को बेटियों की कब्रगाह बना दिया है। बेटियां अपने को सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं। योगी आदित्यनाथ के रहते प्रदेश का शासन शांतिपूर्वक नहीं चल सकता है और बेटियों को सुरक्षा नहीं मिल सकती है, इसलिए अब उनको अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।