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भूसा महंगा होने से भूखे रह रहे मवेशी, 850 रुपये प्रति क्विंटल तो इससे ज्यादा राशि का हुआ है टेंडर,

पूर्वांचल के दस जिलों में आजमगढ़ को छोड़ अन्य जिलों की गोशालाओं की स्थिति नाजुक है। भदाेही में पिपरीस औराई कस्तूरीपुर समेत अन्य 23 गोशालाओं में दो माह से मवेशियों के लिए भूसा नहीं पहुंच रहा। इससे उन्हें भरपेट चारा नहीं मिल पा रहा है।

By Jitendra UpadhyayEdited By: Saurabh ChakravartyPublished: Fri, 23 Sep 2022 07:17 PM (IST)Updated: Fri, 23 Sep 2022 07:17 PM (IST)
भूसा महंगा होने से भूखे रह रहे मवेशी, 850 रुपये प्रति क्विंटल तो इससे ज्यादा राशि का हुआ है टेंडर,
पूर्वांचल के दस जिलों में आजमगढ़ को छोड़ अन्य जिलों की गोशालाओं की स्थिति नाजुक है।

भदोही, जितेंद्र उपाध्याय। पूर्वांचल के दस जिलों में आजमगढ़ को छोड़ अन्य जिलों की गोशालाओं की स्थिति नाजुक है। भदाेही में पिपरीस, औराई, कस्तूरीपुर समेत अन्य 23 गोशालाओं में दो माह से मवेशियों के लिए भूसा नहीं पहुंच रहा। इससे उन्हें भरपेट चारा नहीं मिल पा रहा है। स्थिति इतनी खराब कि मवेशियों की हड्डियां तक दिखने लगी हैं।

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बाजार में भूसा का रेट 12 सौ रुपये क्विंटल हाे गया है जबकि टेंडर रेट 850 रुपये प्रति क्विंटल है। आपूर्ति न होने से पिपरीस गोशाला के संचालक भोलानाथ ने इसके संचालन को हाथ खड़े कर दिए हैं। आरोप है कि दो महीने से भूसा की आपूर्ति नहीं की गई।

अब वे इस गोशाला को नहीं चला सकते। यही हाल कस्तूरीपुर का है। उधर भूसा आपूर्ति करने वाली एजेंसी दावा कर रही कि वह आपूर्ति तो करना चाह रही पर उन्हें बीडीओ की ओर से डिमांड नहीं भेजी जा रही है। आजमगढ़ जिले की स्थिति अच्छी है, यहां 1250 रुपये प्रति क्विंटल भूसा आपूर्ति का टेंडर हुआ है, इससे आपूर्ति भी भरपूर की जा रही। इससे यहां के पशु स्वस्थ बताए जा रहे हैं।

आजमगढ़ के गोवंश पा रहे भरपेट चारा

जौनपुर जिले में 106 गोशालाओं में 12900 मवेशी हैं। यहां नौ एजेंसियों को 800 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से टेंडर हुआ है लेकिन बाजार भाव 12 सौ रुपये है। एजेंसी का दावा है कि वह आपूर्ति कर रही है। वहीं गाजीपुर की 33 गोशालाओं में 2600 मवेशी हैं। इस जिले में भूसा आपूर्ति टेंडर तीन एजेंसियों को 950 में हुआ है और बाजार में भूसा एक हजार में मिल रहा। चंदौली में 17 गोशालाओं में 1265 गोवंश हैं। यहां एसके कंस्ट्रक्शन को 950 रुपये प्रति क्विंटल का टेंडर हुआ है। पर भूसा का रेट 1200 रुपये हो जाने से आपूर्ति समय से नहीं हो पा रही है। सोनभद्र में 1400 रुपये प्रति क्विंटल भूसा बिक रहा है, यहां आठ गोशालाओं में 1800 बेजुबान हैं, तीन एजेंसियां छह सौ रुपये की दर से आपूर्ति करने का दावा कर रहा पर हकीकत कुछ अलग ही है।

आजमगढ़ में 50 गोशालाओं में चार हजार गोवंश हैं, भूसे का दाम यहां भी हाई पर दो एजेंसियाें को यहां 1250 रुपये प्रति क्विंटल की दर से टेंडर हुआ, यहां आपूर्ति ठीक है और बेजुबान भी स्वस्थ हैं। मऊ जिले की 34 गोशालाओं में 2133 गोवंश हैं। जिले में एक हजार रुपये क्विंटल भूसे का दाम है, किसी किसी एजेंसी को टेंडर नहीं हो सका लेकिन बीडीओ की ओर से बेजुबानों को भूसा आपूर्ति की जा रही। बलिया में 28 गोशालाएं है 1500 मवेशी रखे गए हैं। 900 रुपये भूसे का रेट है, 30 रुपये प्रति मवेशी की दर से गोशाला संचालकों को ब्लाक स्तर से भुगतान किया जा रहा।

भूसा आपूर्ति की क्या है व्यवस्था

गोशाला संचालकों को भूसा के लिए बीडीओ के यहां आवेदन कर डिमांड करनी होती है। बीडीओ की ओर से संबंधित एजेंसी को आपूर्ति का आर्डर जारी होता है। जितनी आपूर्ति होती है। भूसे के मूल्य का भुगतान बीडीओ की ओर से किया जाता है।

गोशालाओं में एजेंसी को भूसा आपूर्ति का निर्देश दिया है

गोशालाओं में एजेंसी को भूसा आपूर्ति का निर्देश दिया है। चाहे कितना भी महंगा हो जाए, आपूर्ति की जाएगी। पशुओं के स्वास्थ्य की जांच को भी संबंधित क्षेत्र के चिकित्सकों को निर्देश दिया गया है। जिले में एसएसबी इंटरप्राइजेज को जून 23 तक 60 हजार टन भूसा आपूर्ति का निर्देश है।

डा. जय सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी


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