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बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वालों पर दर्ज होगा मुकदमा, परिवहन अधिकारी ने सुबह शुरू की जांच

बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने वाले अनाधिकृत स्कूली वाहन मालिकों और चालकों के खिलाफ परिवहन विभाग मुकदमा दर्ज कराएगा।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 11:27 AM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 02:02 PM (IST)
बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वालों पर दर्ज होगा मुकदमा, परिवहन अधिकारी ने सुबह शुरू की जांच
बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वालों पर दर्ज होगा मुकदमा, परिवहन अधिकारी ने सुबह शुरू की जांच

वाराणसी, जेएनएन। बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने वाले अनाधिकृत स्कूली वाहन मालिकों और चालकों के खिलाफ परिवहन विभाग मुकदमा दर्ज कराएगा। परिवहन अधिकारी शुक्रवार की सुबह से स्कूलों के बाहर बच्चों को लेकर आने वाले अनाधिकृत वाहनों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराना शुरू कर दिए हैं। शासन ने परिवहन अधिकारी को एक माह की मोहलत देते हुए अनाधिकृत वाहनों को पूरी तरह से रोक लगाने को कहा है। इससे पूर्व डीएम को मानीटरिंग करने का निर्देश दिया है। लापरवाही बरतने वाले परिवहन अधिकारी के खिलाफ रिपोर्ट मांगी है जिससे उन्हें कार्रवाई की जद में लाया जा सके। 

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शासन से सख्ती के बावजूद अनाधिकृत वाहनों से बच्चों को ढोने पर शासन ने नाराजगी जाहिर की है। शासन के निर्देश पर जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने परिवहन अधिकारी को निर्देश दिया है कि रोज सुबह स्कूलों के बाहर खड़े होकर अनाधिकृत वाहनों की फोटोग्राफी कराएं। उन्हें इस बात की नोटिस जारी करें कि इस तिथि के बाद अनाधिकृत वाहन से बच्चे ढोएं गए तो उनके खिलाफ स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज कराएं। साथ ही उन वाहनों का पंजीयन निरस्त करें। 

कुशीनगर और भदोही में हुआ था हादसा 

पिछले साल कुशीनगर और भदोही में अनाधिकृत वाहनों से बच्चों को ढोने के साथ दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। दोनों स्थानों पर कई बच्चों की जान जाने के साथ घायल हो गए थे। इस मामले दोनों स्थानों पर एआरटीओ को दोषी मानते हुए शासन ने कार्रवाई की थी। अनाधिकृत वाहन चालक के खिलाफ थाने में मुकदमा भी दर्ज हुआ है। 

नहीं होती है कोई कार्रवाई 

देश या प्रदेश में स्कूली या अनाधिकृत वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने पर परिवहन विभाग को कार्रवाई करने का आदेश होता है। अधिकारी कार्रवाई भी शुरू करते हैं लेकिन कुछ दिनों के बाद अभियान ठंडे बस्ते में चला जाता है। फिर सब कुछ पहले जैसा हो जाता है। यदि अनाधिकृत स्कूली वाहनों के खिलाफ लगातार कार्रवाई हो तो काफी हद तक रोक लग सकती है। 

पंजीकृत है 2362 स्कूली वाहन 

जिले के प्रमुख स्कूलों में कुल 2362 स्कूली वाहन पंजीकृत हैं। इसमें बच्चों को ढोने के साथ स्टाफ वैन भी शामिल है। परिवहन विभाग की मानें तो करीब 1500 स्कूली वाहनों में बच्चों को ढोएं जाते हैं, बाकि स्टाफ वाहन है। 

छह हजार डग्गामार स्कूली वाहन 

कुशीनगर में अनाधिकृत स्कूली वाहन से हादसा होने पर तत्कालीन उप परिवहन आयुक्त डीके त्रिपाठी ने सख्ती बरतने के साथ सर्वे कराया था। सर्वे में छह हजार से अधिक अनाधिकृत स्कूली वाहन सामने आए थे। 

यह है अनाधिकृत वाहन : आटो रिक्शा, मैजिक, मारुति वैन, विक्रम, जीप, क्रूजर आदि। 

14 सीट से कम वाहन अवैध 

परिवहन विभाग के मुताबिक 14 सीट से कम वाहनों में बच्चों को ढोया नहीं जा सकता है। वे वाहन स्कूल प्रबंधन के नाम होना चाहिए। उसका रंग पीला होने के साथ सीट और चालक के बीच जाली लगी होनी चाहिए। खिड़की पर जाली लगा हो। 

- जिले के एक-एक स्कूलों पर अनाधिकृत वाहनों से बच्चों को ढोने की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। दो मार्च तक अनाधिकृत स्कूली वाहनों को चिह्नित करने के साथ उन्हें नोटिस होगी। साथ ही उनके खिलाफ स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। -एके राय, एआरटीओ 


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