लखनऊ में राजभवन तक जा पहुंचा संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के शोध प्रवेश परीक्षा का प्रकरण
ampurnanand Sanskrit University लखनऊ में राजभवन तक संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के शोध प्रवेश परीक्षा का प्रकरण जा पहुंचा है। वाराणसी में शिक्षकों और कुलपति के बीच चल रहे विवाद में 770 परीक्षार्थियों का रिजल्ट फंसा हुआ है।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के शोध प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट पिछले ढाई माह से अटका है । विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा है कि रिजल्ट तैयार है I इसके बावजूद अब तक रिजल्ट न जारी करना विश्वविद्यालय की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहा है । अध्यापक परिषद ने इसकी शिकायत राजभवन से की है ।
शिक्षकों की नियुक्ति के प्रकरण में अध्यापक परिषद ने कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल से मिलने का समय मांगा था। कुलाधिपति ने 25 जून को परिषद के प्रतिनिधि मंडल को मिलने का समय दिया था। इस दौरान शिक्षकों ने विश्वविद्यालय में विभिन्न अनियमितताओं का मुद्दा भी उठाया। साथ ही शोध प्रवेश परीक्षा में भी अनियमितता की संभावना जताई। कहा कि विश्वविद्यालय ने गत 17 अप्रैल को शोध प्रवेश परीक्षा कराई थी।
उसी समय छात्रों ने विश्वविद्यालय की शोध प्रवेश परीक्षा की शुचिता को लेकर सवाल उठाया है। छात्रों का दावा है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने जिस अध्यापक को पर्यवेक्षक नियुक्ति किया था। उनके पुत्र व पुत्री दोनों प्रवेश परीक्षा में शामिल थे। संबंधित अध्यापक ने इसकी जानकारी कुलपति को भी दे दी थी। इसके बाबजूद कुलपति ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। शिक्षकों ने रिजल्ट में देरी करने से धांधली की अंशका जताई है।
कहा कि परीक्षा के ढाई माह बाद भी रिजल्ट जारी न होना कुलपति की कार्यशैली को लेकर भी सवाल खड़ा करता है । राजभवन ने शिक्षकों की शिकायत को गंभीरता से लिया है । प्रतिनिधि मंडल में परिषद के अध्यक्ष प्रो. रामपूजन पांडेय, उपाध्यक्ष लालजी मिश्र व महामंत्री प्रो. अमित कुमार शुक्ल शामिल थे।
बैठक के बहिष्कार से फंसा रिजल्ट : शोध प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट को लेकर गत दिनों संस्कृत विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षा समिति की बैठक बुलाई थी। वहीं कुलपति की कार्यशैली से क्षुब्ध शिक्षकों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया था। इसके चलते शोध प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट फंस गया। बहरहाल शिक्षकों व कुलपति के बीच चल रहे विवाद में 770 परीक्षार्थियों का रिजल्ट फंसा हुआ है ।