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सिल्क की नौ लखिया कालीन के कई मुरीद, तीसरे दिन 315 खरीदारों की मौजूदगी से प्रदर्शनी में रौनक

इंडिया कारपेट एक्स्पो रविवार को शबाब पर नजर आया। विदेशों से पहुंचे 49 नए खरीदारों समेत 315 मेहमानों की मौजूदगी से स्टालों पर रौनक रही।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 11:14 AM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 12:31 PM (IST)
सिल्क की नौ लखिया कालीन के कई मुरीद, तीसरे दिन 315 खरीदारों की मौजूदगी से प्रदर्शनी में रौनक
सिल्क की नौ लखिया कालीन के कई मुरीद, तीसरे दिन 315 खरीदारों की मौजूदगी से प्रदर्शनी में रौनक

वाराणसी, जेएनएन। इंडिया कारपेट एक्स्पो रविवार को शबाब पर नजर आया। विदेशों से पहुंचे 49 नए खरीदारों समेत 315 मेहमानों की मौजूदगी से स्टालों पर रौनक रही। बेहतर कारोबार के लिए बातचीत में निर्यातक उन्हें पूरी जानकारी देना चाह रहे थे। सिल्क की नौ लखिया कालीन के मुरीद बहुतेरे नजर आए। ड्यूटी ड्रा बैक कमेटी के चेयरमैन जीके पिल्लई, अपर निदेशक विदेश व्यापार, भदोही के कलेक्टर राजेंद्र प्रसाद एवं सीजेएम प्रदर्शनी में पहुंचे थे।

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संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में चल रहे चार दिवसीय इंडिया कारपेट एक्स्पो का रविवार को तीसरा दिन था। प्रदर्शनी में दो दिनों की सफलता के बाद तीसरे दिन स्टाल सजाए निर्यातकों में उत्साह कुछ ज्यादा ही नजर आया। उम्मीद के अनुरूप तीसरे दिन 49 नए खरीदार विदेशों से पहुंचे थे। पहले से पहुंचे 266 बायर भी प्रदर्शनी में मौजूद रहे। 230 स्टाल वाली प्रदर्शनी में 315 की मौजूदगी ने रौनक ला दी थी। बायर अपनी पसंद के डिजाइन, रंग वाले कालीन, कुशन, वाल हैंगिंग देख व आर्डर कर रहे थे। बहुतेरे ऐसे भी रहे, जिन्हें डिजाइन क्वालिटी पसंद आ गई, लेकिन रंग रास नहीं आया। ऐसे में मनचाहा उत्पाद तैयार करने को आर्डर दिए। 

मील का पत्थर साबित होगा कारपेट एक्स्पो

ड्यूटी ड्राबैक कमेटी के चेयरमैन जीके पिल्लई व अपर निदेशक विदेश व्यापार दोपहर में करीब दो बजे प्रदर्शनी में पहुंचे। बायरों की भीड़ एवं व्यवस्थाएं देख खुश हुए। जीके पिल्लई ने कहा कि कारोबारियों के लिए यह प्रदर्शनी मील का पत्थर साबित होगी।  

85 बायरों के आज पहुंचने की उम्मीद 

एक्स्पो में चार सौ विदेशी मेहमानों ने शिरकत करने को हामी भरी है। पहले दिन 181 दूसरे दिन 85 बायर (खरीदार) पहुंचे। लेकिन तीसरे दिन 49 मेहमान ही पहुंचे। हालांकि, 230 स्टालों पर 315 बायरों की मौजूदगी के कारण रौनक रही। सोमवार को 85 के नए मेहमानों के पहुंचने की उम्मीद है।

 

सिल्क की कालीन सभी को पसंद 

सिल्क की कालीन सभी को पसंद आई। उस पर इरानी का मसहूर बख्तियारी कला उकेरी गई थी। श्रीनगर के निर्यातक मेहराज जान ने बताया कि उनके कारपेट में नौ लाख गांठ डाले गए हैं। वजन 22 किलो व क्वालिटी की बात करें तो सोने की तरह 24 कैरेट का है। कीमत छह लाख है। एक अन्य स्टाल पर इसकी बड़ी साइज नौ लाख में थी, जिसके कई मुरीद हुए।

दो बजे जनता के लिए खुलेगा कालीन मेला

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में चल रहा  इंडिया कार्पेट एक्स्पो 14 अक्टूबर को दिन में दो बजे जनता के लिए खोला जाएगा। यह जानकारी कालीन निर्यात संवर्धन परिषद प्रशासनिक कमेटी के वरिष्ठ सदस्य उमेश गुप्ता उर्फ मुन्ना ने दी है। उधर, परिषद के उप निदेशक विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि अभी तक विभिन्न देशों से 315 विदेशी ग्राहकों और 327 भारतीय प्रतिनिधियों ने मेला का विजिट किया है। उन्होंने उम्मीद के अनुरूप प्रदर्शनी के सफल होने की बात कही है।


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